अब ताजमहल में 3 घंटे ही रुक सकेंगे टूरिस्ट
आगरा: ताजमहल पर पर्यटकों के बोझ को कम करने के लिए एक नया आदेश लाया गया है जिसके तहत अब यहां पर्यटक केवल तीन घंटे ही समय बिता सकेंगे. यह नया आदेश रविवार (1 अप्रैल) से लागू हो रहा है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा जारी एक नोटिस के अनुसार, 17वीं शताब्दी के स्मारक पर ‘मानव भार’ को कम करने के लिए यह निर्णय लिया गया है. एएसआई के सूत्रों ने कहा कि रूपरेखा तैयार की जा रही है क्योंकि टिकटों की जांच के लिए और नए समय के निर्देशों को लागू करने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की आवश्यकता होगी.
सफेद संगमरमर की इस इमारत पर भीड़ प्रबंधन केंद्रीय औद्योगिकी सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था. छुट्टियों और सप्ताहांत में पर्यटकों की संख्या 50,000 से ऊपर तक पहुंच जाती है.
ताज को प्रदूषण से बचाने के लिए जुलूस
17वीं सदी के प्यार के स्मारक ताजमहल को प्रदूषण से होने वाले खतरे को उजागर करने के लिए पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने बीते रविवार (25 मार्च) को यमुना नदी के किनारे पोस्टरों व बैनर के साथ जुलूस निकाला. कार्यकर्ता देवाशीष भट्टाचार्य ने कहा कि इस गर्म मौसम में ताज को लगातार नुकसान पहुंच रहा है, क्योंकि नदी का तल सूख चुका है.
वायु प्रदूषण में कमी के लिए हो कोशिशें
उन्होंने कहा, “हालांकि, योगी सरकार ने यमुना पर ताजमहल की प्रवाह की दिशा में एक बैराज की घोषणा की है, लेकिन इसकी आधारशिला रखने के लिए कोई तारीख तय नहीं की गई है.” प्रदर्शनकारियों ने कहा, “हम नदी में पानी का बेरोक प्रवाह चाहते हैं, जिससे ताजमहल, आगरा किला, एतिमाद-उद-दौला मकबरे और राम बाग में बदलाव सुनिश्चिl हो और वायु प्रदूषण में कमी लाई जा सके.”
यमुना नदी के तल की सफाई जरूरी
‘नदी जोड़ो अभियान’ के रंजन शर्मा व शैलेंद्र सिंह नरवार ने कहा, “हम बीते कई सालों से जुलूस निकाल रहे हैं और बैठकें कर रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्य से वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कुछ भी काम नहीं हुआ, जहां बहुत से विश्व विरासत स्मारक हैं.” जुलूस के आयोजकों ने कहा कि यमुना नदी के तल की सफाई की जरूरत है. नदी कार्यकर्ता राहुल राज व दीपक राजपूत ने कहा, “टनों पॉलीथिन व जूतों के कारखानों से निकलता चमड़े के कण मिला पानी को रोके हुए है और नदी को प्रदूषित कर रहा है.”