ग्लोबल बिजनस समिट में बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी- हमने हर नामुमकिन को मुमकिन बनाया
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ग्लोबल बिजनस समिट (GBS) को संबोधित करते हुए कहा कि 2014 से पहले कहा जाता था कि कुछ चीजें देश के लिए मुमकिन नहीं हैं, लेकिन हमने देशवासियों के सहयोग से हर नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया है। उन्होंने कहा कि भारत की करीब-करीब सभी अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग और सूचकांकों में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘नामुमकिन अब मुमकिन है। पहले कहा जाता था कि आर्थिक सुधार असंभव है, लेकिन भारत के लोग इसे संभव बना रहे हैं।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में सारे आर्थिक मापदंड पर हमारी अर्थव्यवस्था गर्त में जाती दिख रही थी। वह चाहे महंगाई हो, चालू खाता घाटा हो या वित्तीय घाटा। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद सारे पैमानों पर भारत की अर्थव्यवस्था ने ऊंची उड़ान भरी है। पीएम ने कहा कि पहले औसत विकास दर 5 प्रतिशत जबकि महंगाई की औसत वृद्धि दर 10 प्रतिशत हुआ करती थी। लेकिन 2014-19 के दौरान औसत विकास दर 7 प्रतिशत होगी जबकि महंगाई 4.5 प्रतिशत से भी कम रहने वाली है। मोदी ने दावा किया, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के बाद से पहली बार औसत विकास इतनी ज्यादा और औसत महंगाई इतनी कम होगी। ऐसी परिस्थिति अब तक के किसी भी सरकार के मुकाबले पहली बार बनी है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘पहले इस बात की प्रतिस्पर्धा इस बात की होती थी कि कौन ज्यादा भ्रष्टाचार कर सकता है, कौन भ्रष्टाचार के नए-नए तरीके ढूंढ सकता है। प्रतिस्पर्धा इस बात की होती थी कि कोयले में ज्यादा करप्शन हो सकता है कि टूजी में, स्पेक्ट्रम में ज्यादा करप्शन हो सकता है कि कॉमन वेल्थ में।’ उन्होंने कहा, ‘हमने 2014 से पहले भी प्रतिस्पर्धा के बारे में सुना करते थे, लेकिन एक अलग तरह की प्रतिस्पर्धा के बारे में। तब मंत्रालयों, इंडिविजुअल्स, भ्रष्टाचार और लेटलतीफी में प्रतिस्पर्धा का जिक्र हुआ करता था।’ ग्लोबल बिजनस समिट को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बैंकरप्ट्सी ऐंड इन्सॉल्वंसी कोड में सुधार के क्रांतिकारी परिणाम आए हैं। वहीं, कॉर्पोरेट बॉन्ड्स से फंडिंग की सीमा 2011 से 2014 के बीच तीन लाख करोड़ से करीब 75 प्रतिशत बढ़कर 2014-18 के बीच 5.25 लाख करोड़ हो गई। मोदी ने दावा किया कि 2014 से पहले 7 वर्षों में जितनी एफडीआई भारत को मिली, उतनी 2014 से 18 के बीच महज 4 वर्षों में ही आ गई। मोदी ने अपनी सरकार के सर्वसमावेशी दृष्टिकोण का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 1 अरब 30 करोड़ भारतीयों के सपनों को पूरा करने के लिए कोई एक विजन डॉक्युमेंट नहीं हो सकता है। इनके लिए कई मोर्चों पर काम करना होगा। पीएम ने कहा, ‘जब भारत आईआईटी और ऐम्स तेजी से बना रहा है, तब यहां टॉइलट्स भी बन रहे हैं, यहां स्मार्ट सिटी भी बन रहे हैं। आज जब भारत मंगल पर मानव भेज रहे हैं तो हम हर इंसान के ऊपर छत भी मुहैया करवा रहे हैं।’ मोदी ने विरोधियों पर तंज कसते हुए कहा कि कई लोग कहते हैं कि ये रैंकिंग्स केवल कागजों पर बदले हैं, जो सत्य से बिल्कुल परे है। हकीकत यह है कि जमीन पर बदलाव दिखने के बाद ही रैंकिग्स में सुधार किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा सूचकांक में भी भारत ने चार सालों में बड़ी छलांग लगाई है। ग्लोबल कंपिटिटीव इंडिसेज में भारत 2013 में 65वें स्थान पर था, जो 2017 पर 14वें स्थान पर पहुंच गया। पीएम ने कहा कि पेटेंट्स और ट्रेडमार्क्स की संख्या में भी बड़ी वृद्धि हुई है।