बंगाल: कर्फ्यू लगे होने के बावजूद भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने किया आसनसोल का दौरा, अमित शाह को भेजी जाएगी रिपोर्ट
कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा लगाए गए कर्फ्यू को नहीं मानते हुए भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने रामनवमी हिंसा के बाद स्थिति का जायजा लेने के लिए रविवार को आसनसोल का दौरा किया। इसने स्थति को नियंत्रित करने में ‘‘नाकामी’’ के लिए तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन के नेतृत्व में भाजपा के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने कड़ी सुरक्षा के बीच आसनसोल का दौरा किया। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य राहत शिविरों में भी गए, जहां उनके साथ भाजपा के स्थानीय नेता भी मौजूद थे। हुसैन ने कोलकाता वापस आने पर संवाददाताओं से कहा कि साम्प्रदायिक दंगों के बाद राज्य जल रहा था, जबकि ममता बनर्जी नई दिल्ली में अन्य नेताओं के साथ ‘‘जलपान’’ में व्यस्त थीं। उन्होंने कहा, ‘‘साम्प्रदायिक दंगों के बाद जब राज्य जल रहा था ममता जी शाम में सोनिया (गांधी) जी और सुबह (शरद) पवारजी के साथ जलपान करने में व्यस्त थीं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बंगाल के लोगों ने आपको उनका संरक्षक होने की जिम्मेदारी दी है। राज्य के लोग आपको कभी भी माफ नहीं करेंगे। वे एक माकूल जवाब देंगे।’’ हुसैन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस महासचिव पार्था चटर्जी ने कहा, ‘‘जो लोग यहां आये हैं उन्हें ममता बनर्जी के अतीत के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वे ममता बनर्जी के संघर्ष के बारे में नहीं जानते। इसीलिए वे ये सब कह रहे हैं।’’ चटर्जी ने भाजपा प्रतिनिधिमंडल के आसनसोल दौरे को एक ‘‘राजनीतिक बदले की कार्रवाई’’ करार दिया। हुसैन ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने आसनसोल में जो भी देखा उसके बारे में कल भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को एक रिपोर्ट सौंपी जाएगी। प्रतिनिधिमंडल का गठन शाह ने किया था। तृणमूल कांग्रेस नेता चटर्जी ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि वे किस हैसियत से यहां आये हैं। वे यहां एक मंत्री के तौर आये हैं या सांसद के तौर पर। और रिपोर्ट राजनाथ सिंह को सौंपने की बजाय वे उसे अमित जी को सौंपेंगे।’’
हुसैन ने कहा कि दंगा क्षेत्र में कोयला और मादक पदार्थ माफिया के काम को ढंकने का एक ‘‘पूर्वनियोजित षड्यंत्र’’ था। भाजपा नेता ने आरोप लगाया, ‘‘यह कोई साम्प्रदायिक दंगा नहीं, बल्कि एक सरकारी दंगा है। दंगों के दौरान पुलिस मूक दर्शक थी।’’ उन्होंने दावा किया कि दंगा राज्य प्रशासन, तृणमूल कांग्रेस और कोयला एवं मादक पदार्थ माफिया में लिप्त लोगों के बीच षड्यंत्र का परिणाम है ताकि स्थानीय लोगों को मूर्ख बनाया जा सके। राज्यसभा सदस्य ओम प्रकाश माथुर ने मांग की कि राज्य सरकार दंगों में प्रभावित लोगों को मुजावजा प्रदान करे। प्रतिनिधिमंडल में हुसैन के अलावा पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य ओम प्रकाश माथुर, पलामू के सांसद एवं झारखंड पुलिस के पूर्व महानिदेशक विष्णु दयाल राम और राज्यसभा सांसद रूपा गांगुली शामिल थीं। आसनसोल जाने के रास्ते में प्रतिनिधिमंडल को पुलिस ने सबसे पहले बसरा मोड़ और उसके बाद कालीपहाड़ी के पास रोका क्योंकि क्षेत्र में कृफ्यू लगा थी।
भाजपा नेता यद्यपि अपनी योजना पर अड़े रहे और आसनसोल की ओर बढ़े। ममता बनर्जी सरकार ने कल कहा था कि वह भाजपा दल को आसनसोल और रानीगंज जाने की इजाजत नहीं देगी क्योंकि दंगा प्रभावित इन नगरों में धारा 144 के तहत कर्फ्यू लगा है। राज्य सरकार ने यह भी कहा था कि पंचायत चुनाव की घोषणा होने और आचार संहिता लागू होने के चलते वह भाजपा प्रतिनिधिमंडल क दंगा प्रभावित आसनसोल यात्रा के दौरान पर्याप्त सुरक्षा नहीं मुहैया करा पाएगी। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने शनिवार को हिंसा प्रभावित आसनसोल और रानीगंज का दौरा किया था।
उन्होंने वहां पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करने के साथ ही लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की थी। आसनसोल-रानीगंज में रामनवमी के जश्न को लेकर दो समूहों के बीच झड़प हो गई थी जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो पुलिस अधिकारी घायल हो गए।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इन दोनों शहरों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वे बिहार के भागलपुर में हाल में हुई साम्प्रदायिक झड़प को लेकर कोई रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, हुसैन ने कहा, ‘‘झड़प के बाद भागलपुर में कोई कफ्र्यू नहीं लगाया गया। केवल एक बाइक को जलाया गया और वहां पर शांति है।’’ उन्होंने भागलपुर में स्थिति नियंत्रित करने में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रशंसा की और कहा कि झड़प कांग्रेस और बिहार के अन्य विपक्षी दलों की भाजपा…जदयू सरकार को बदनाम करने के षड्यंत्र का परिणाम था।