चेन्नई में बोले राहुल गांधी, ‘मैं मोदी से सीखता हूं, मैं उनसे नफरत नहीं करता’
चेन्नई: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति उनके दिल में कोई नफरत नहीं है। उन्होंने कहा, “प्यार हर धर्म की बुनियाद है, चाहे वह हिंदू धर्म हो, इस्लाम हो या ईसाई धर्म हो। मैं संसद में प्रधानमंत्री का भाषण देख रहा था, जहां वह मेरे पिता, दादी, परदादा और कांग्रेस की आलोचना कर रहे थे।” राहुल ने कहा, “अपने भीतर मैं उनके प्रति स्नेह महसूस कर रहा था। वह इतना गुस्से में थे कि वह दुनिया की सुंदरता नहीं देख पा रहे थे।”
राहुल ने कहा कि उन्होंने महसूस किया कि मोदी को वह प्यार नहीं मिला जो वह चाहते थे। उन्होंने कहा, “मैं स्नेह दिखाना चाहता था और इसलिए मैंने उन्हें गले लगाया।” उन्होंने कहा कि 2014 में संप्रग की हार ने उन्हें कई सबक सिखाए। उन्होंने कहा, “मैं मोदी से सीखता हूं। मैं उनसे नफरत नहीं करता। क्या आप उस व्यक्ति से नफरत करते हैं जो आपको सिखाता है?” गांधी ने छात्राओं से यह पूछा और जवाब में छात्राओं ने ‘न’ कहा। राहुल ने कहा, “सबसे बड़े शिक्षक वो लोग हैं जो हमला करते हैं। जितना अधिक आप पर हमला किया जाता है, उतना ही प्यार और स्नेह वापस आप देते हैं।”
उन्होंने कहा कि अगर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करता है, तो वह महिलाओं के लिए सरकरी नौकरियों में 33 फीसदी आरक्षण और लोकसभा में 33 फीसदी सीटें प्रदान करने वाला महिला आरक्षण विधेयक पारित करेगा। यहां स्टेला मैरिस कॉलेज फॉर वुमेन की छात्राओं से बात करते हुए गांधी ने यह भी कहा कि संप्रग सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रक्रिया को आसान बनाएगी और कर की एक दर रखेगी।
टी-शर्ट और जीन्स पहने राहुल को आर्थिक विकास, जम्मू एवं कश्मीर में शांति लाने के बारे में कांग्रेसनीत संप्रग की योजना, उनके बहनोई रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ आरोपों, मोदी सरकार के बारे में उनके विचार और संसद में नरेंद्र मोदी को गले लगाने के कारणों के बारे में छात्राओं के सवालों का सामना करना पड़ा।
देश में महिलाओं की स्थिति पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उत्तर भारत के मुकाबले दक्षिण भारत में हालात बेहतर हैं। यह एक सांस्कृतिक पहलू है। लेकिन, उन्होंने तुरंत कहा, “तमिलनाडु में अभी भी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है।”
जम्मू एवं कश्मीर में शांति वापस लाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहला कदम वहां के लोगों से संपर्क करना है। संपर्क के इस पुल को संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान 2004 से 2014 के बीच बनाया गया था। इसके परिणामस्वरूप, आतंकी हमलों में भारी कमी आई थी और चुनाव कराकर लोगों को शक्तियां दी गईं थीं।
राहुल गांधी ने कहा कि पाकिस्तान आतंकी हमलों को अंजाम देगा लेकिन हमें जम्मू एवं कश्मीर के लोगों से जुड़ना होगा। उन्होंने बैंकों से धोखाधड़ी करने के बाद नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे व्यापारियों को ‘देश से भागने की सुविधा देने के लिए’ केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, “नोटबंदी के दौरान लोगों द्वारा बैंकों में जमा किए गए पैसों को इन व्यापारियों को दे दिया गया।”
एक छात्रा द्वारा यह पूछने पर कि इन व्यापारियों के साथ उन्होंने अपने बहनोई रॉबर्ट वाड्रा के नाम का उल्लेख क्यों नहीं किया, राहुल गांधी ने कहा, “सरकार के पास जांच का अधिकार है। कानून को चुनिंदा लोगों पर ही लागू नहीं किया जाना चाहिए। मैं पहला व्यक्ति हूं जिसने वाड्रा की जांच के लिए कहा है।”
राहुल ने छात्राओं से पूछा कि उन्होंने कितनी बार मोदी को प्रश्नों का जवाब देते हुए देखा है। उनके मुताबिक, वर्तमान केंद्र सरकार का ध्यान उत्तर भारत पर केंद्रित है जबकि उनका मानना है कि भारत के सभी हिस्सों पर एक समान ध्यान दिया जाना चाहिए। राहुल ने कहा कि दुनिया अमेरिका केंद्रित से अमेरिका-चीन-रूस केंद्रित हो रही है और भारत को दाएं या बाएं नहीं बल्कि सीधे खड़े रहना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आर्थिक विकास के लिए सबसे बड़ी बाधा मित्रों की मदद करने वाला पूंजीवाद (क्रोनी कैप्टलिज्म) और भ्रष्टाचार है। शिक्षा प्रणाली के सवाल पर राहुल ने कहा कि इस क्षेत्र में सरकार के लिए जगह होनी चाहिए क्योंकि सब कुछ निजी क्षेत्र के हाथों में नहीं छोड़ा जा सकता है।
राहुल के साथ बातचीत के दौरान हल्के-फुल्के क्षण भी आए, जब छात्राओं ने राहुल को संबोधित करने के लिए सर कहा जिस पर राहुल ने छात्राओं से सर नहीं कहने को कहा। राहुल की इस बार पर छात्राओं ने तालियां बजाईं। गांधी ने कहा कि वह अभी भी एक युवा राजनेता हैं।