ICICI-वीडियोकॉन डील: चंदा कोचर के ‘रिश्तेदार’ का भी नाम, कई कंपनियों को बैंक से दिलाया कर्ज
नई दिल्ली: आईसीसीआई बैंक और वीडियोकॉन के बीच हुई 3250 करोड़ की स्वीट डील में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. बैंक की सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की वीडियोकॉन प्रोमोटर वेणुगोपाल धूत के साथ ट्रांसजैक्शन की अभी जांच चल ही रही है. इसमें एक और विवादास्पद तार जुड़ गया है. इस बात सिंगापुर की फाइनेंशियल सर्विस कंपनी का नाम सामने आया है. ये कंपनी दीपक कोचर के भाई राजीव कोचर की है.
दीपक कोचर के भाई ने कराई डील
चंदा कोचर के पति के भाई राजीव कोचर एविस्टा एडवाइजरी के मालिक हैं. एविस्टा एडवाइजरी वो ही कंपनी है, जिसने पिछले 6 साल में 7 कंपनियों के 1.7 अरब डॉलर से अधिक के विदेशी मुद्रा और लोन दिलाने में मदद की. इन सभी कंपनियों ने ICICI बैंक से एक ही समय पर कर्ज लिया था. इनमें से किसी एक डील में ICICI बैंक कर्ज देने के मामले में प्रमुख बैंक था.
किन कंपनियों के नाम हैं शामिल
एविस्टा एडवाइजरी के मुताबिक, कंपनी ने जयप्रकाश एसोसिएट्स, जयप्रकाश पावर वेंचर्स, GTL इंफ्रा, सुजलॉन, JSL और वीडियोकॉन ग्रुप के एडवाइजर के तौर पर काम किया. कंपनी ने इनके कर्ज की रीस्ट्रक्चरिंग कराने में मदद की थी.
ICICI बैंक के कर्ज की रीस्ट्रक्चरिंग
इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 में एविस्टा ने जयप्रकाश एसोसिएट्स के एडवाइजर के तौर पर काम किया. एविस्टा ने ही जयप्रकाश एसोसिएट्स के 715 करोड़ रुपए के फॉरेन करेंसी कन्वर्टिबल बॉन्ड (FCCB) की रीस्ट्रक्चरिंग की थी. जयप्रकाश एसोसिएट्स को कर्ज देने वाले बैंकों के कंसोर्शियम का ICICI बैंक प्रमुख था.
ICICI बैंक-एविस्टा कनेक्शन
एविस्टा ने जयप्रकाश पावर वेंचर्स के 1300 करोड़ के FCCB की भी रीस्ट्रक्चरिंग की. इस मामले में भी ICICI बैंक ने ही कंपनी को सबसे ज्यादा कर्ज दिया था और कॉरपोरेट डेट रीस्ट्रक्चरिंग पैकेज के जरिए उसे शेयर भी हासिल मिले थे.
क्या होता है FCCB
FCCB एक तरह का कन्वर्टिबल बॉन्ड है, जो विदेशी मुद्रा में जारी किया जाता है. बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में एनपीए के मामले में इन बॉन्ड्स को घरेलू बाजार में डिफॉल्ट को रोकने के लिए जारी किया जाता है.
सुजलॉन को दिलाया FCCB
2014 में एविस्टा ने सुजलॉन के क्रेडिट एडवाइजर के तौर पर काम किया. सुजलॉन की रीस्ट्रक्चरिंग के लिए 3755 करोड़ रुपए के FCCB दिए गए. ICICI बैंक का नाम सुजलॉन को कर्ज देने वाले बैंकों में शामिल था.
लोन रीस्ट्रक्चरिंग में मिले शेयर
2012 में एविस्टा ने GTL इंफ्रा, 2016 में जिंदल स्टेनलेस और वीडियोकॉन को भी ICICI बैंक से लोन दिलाने में मदद की. एविस्टा ने इन सभी कंपनियों के एडवाइजर के तौर पर काम किया. लोन रीस्ट्रक्चरिंग में ICICI बैंक को GTL इंफ्रा में 29.3 फीसदी हिस्सेदारी मिली. एविस्टा ने वीडियोकॉन ग्रुप के दो लोन रीस्ट्रक्चरिंग डील को अपनी वेबसाइट पर डाला है. एविस्टा ने क्रेडिट एडवाइजर के तौर पर वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के लिए 2015-16 में दो FCCB डील कराई.
ICICI बैंक ने आरोपों को बताया निराधार
इंडियन एक्सप्रेस के सवालों पर ICICI बैंक ने कहा कि वह कभी भी एविस्टा एडवाइजरी ग्रुप के साथ किसी सर्विस में शामिल नहीं रहा है. बल्कि एविस्टा सिर्फ कॉरपोरेट के लिए एडवाइजर के तौर पर काम करता रहा है. ICICI ने जवाब दिया कि इस मामले में एविस्टा एडवाइजरी ग्रुप के क्लाइंट्स से सवाल पूछना चाहिए. ICICI का कहना है कि कंपनीज एक्ट 1956 और 2013 के तहत पति का भाई रिलेटिव की कैटेगरी में नहीं आता है. इसलिए बैंक को इस मामले में किसी तरह की सफाई देने की जरूरत नहीं है. ICICI बैंक के मुताबिक, इस तरह के आरोप पूरी तरह बेबुनियाद और निराधार हैं.
राजीव कोचर ने भी आरोपों को खारिज किया
इंडियन एक्सप्रेस के सवालों पर एविस्टा एडवाइजरी के फाउंडर राजीव कोचर ने आरोपों को खारिज किया है. उनके मुताबिक, ICICI बैंक के साथ इस तरह की कोई डील नहीं हुई है. कंपनी ने सिर्फ अपने क्लाइंट्स की कर्ज रीस्ट्रक्चरिंग के लिए एडवाइस किया था. रीस्ट्रक्चरिंग के दौरान भी कंपनी ने ICICI बैंक के साथ किसी तरह का कोई संपर्क नहीं किया. एविस्टा ने बैंक से अपने क्लाइंट्स के लिए किसी तरह का कोई फंड नहीं लिया है.