फिल्म ‘छपाक’ में छलकेगा एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी का दर्द, कहा- ‘बहुत बड़ा बदलाव भी आएगा’

नई दिल्ली: एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं. अभिनेत्री दीपिका पादुकोण उनकी बायोपिक ‘छपाक’ में काम कर रही हैं और इस फिल्म की काफी चर्चा हो रही है. लक्ष्मी का मानना है कि फिल्म के आने से शायद एक बहुत बड़ा बदलाव आए. उनका कहना है कि जिस शख्स ने उनके चेहरे पर तेजाब फेंका, उसकी तो नहीं हुईं लेकिन आज वह पूरी दुनिया की हैं. हाल ही में इंडिया रनवे वीक फैशन शो में शामिल होने राष्ट्रीय राजधानी आईं लक्ष्मी ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत की.फिल्म ‘छपाक’ में दीपिका के काम करने के बारे में 28 साल की लक्ष्मी ने कहा, “मुझे बहुत अच्छा लगा कि दीपिका इस कॉज को सामने लेकर आ रही हैं और मैं बहुत खुश हूं कि जब यह फिल्म आएगी तो लोगों के अंदर एक अलग एक्साइटमेंट होगा और जब फिल्म आएगी तो शायद एक बहुत बड़ा बदलाव भी आएगा.” वर्ष 2005 में लक्ष्मी से एकतरफा प्यार करने वाले एक सिरफिरे शख्स ने उन पर तेजाब फेंक दिया था.इस हादसे ने उन पर कितना असर डाला, यह पूछने पर उन्होंने कहा ,”इसने मेरी जिंदगी पर बहुत असर डाला है. अगर आप एक नॉर्मल जिदंगी जी रहे होते हैं और आपकी लाइफ में अचानक कोई हादसा होता है, खासकर अगर किसी लड़की की लाइफ में कोई हादसा हो, क्योंकि उसे गर्भ से ही बोझ माना जाता है और जब वह दुनिया में आती है तो सबसे ज्यादा बोझ माता-पिता पर होता है और माता-पिता से ज्यादा सोसाइटी को दिक्कत होती है कि पढ़ाई के बारे में सोचे या दहेज इकट्ठा करे.. तो ये चीजें हैं.”उन्होंने कहा, “अटैक के बाद सारा फोकस इलाज में चला गया और जिंदगी एकदम से बदल गई..अजीब हो गई. मैं चार साल तक चेहरे को ढककर चली और फिर फेस को न ढकना बड़ी चुनौती थी. फिर अचानक इसके बाद पापा और भाई की मौत हो गई.. तो ये बुरे दिन भी देखने पड़े.” महिला सशक्तिकरण पर उन्होंने कहा, “यह अहम है. अगर मैं सशक्त हुई हूं तो इससे सोसाइटी को क्या मैसेज मिला..उस अपराधी को एक तमाचा पड़ा है कि भई, हमने तो ये सोचकर अटैक किया था कि ये मेरी नहीं तो फिर किसी की नहीं हो सकेगी, लेकिन मैं आज ये कहती हूं कि उसकी तो नहीं हुई, लेकिन पूरी दुनिया की हो गई.”उन्होंने अपने अब तक के सफर के बारे में कहा, “बहुत दर्दभरा सफर रहा है. बहुत कुछ रहा है इस सफर में. बीचबीच में बहुत सी चीजें आती जाती हैं. मुझे लगता है कि हर किसी की लाइफ में ये सब होता रहता है, लेकिन इस बीच में बहुत सकारात्मक, अच्छी चीजें भी होती रहती हैं. कुछ ऐसा होता है जिससे आप और उभरते हो और अच्छा लगता है. जिंदगी बहुत उतार-चढ़ाव भरा रहा है.” लक्ष्मी ने इस हादसे के शिकार लड़के-लड़कियों के लिए दिए संदेश में कहा कि ऐसे लोगों को खुलकर सामने आना चाहिए और अपनी जिंदगी जीनी चाहिए.उन्होंने कहा, “मैं लड़की और लड़कों दोनों के लिए यह संदेश देना चाहती हूं, क्योंकि 70 प्रतिशत अटैक अगर लड़कियों पर होता है तो 30 प्रतिशत अटैक लड़कों पर भी होता है. मेरा मानना है कि जो भी लड़कियां या लड़के इसके शिकार हुए हैं वे खुलकर बाहर आएं और अपनी वास्तविक जिंदगी को जीना शुरू करें, क्योंकि जब कोई उन्हें देखता है तो सोचता है कि अगर ये कुछ कर सकते हैं तो मैं क्यों नहीं. मैं चाहती हूं कि आज अगर मैं यहां इंडिया रनवे वीक में हूं तो अगले साल मैं किसी और सर्वाइवर को देखूं. इससे मुझे और ज्यादा खुशी होगी.”लक्ष्मी ने बताया कि वह गायिका बनना चाहती थीं, लेकिन जब उन्होंने कोशिश करनी चाही तभी उनके साथ एसिड अटैक जैसी घटना हो गई और उसके बाद का सफर ऐसा रहा है कि अब तो बिल्कुल समय नहीं है. हैशटैगस्टॉपसेलएसिड अभियान शुरू करने वाली लक्ष्मी ने कहा कि वह अपने अभियान से सरकार को जगाना चाहती हैं. उन्होंने कहा, “मेरा पूरा फोकस है कि जो भी लोग क्राइम को लेकर अपने दिमाग में सोचते हैं वे उस चीज को बाहर निकालें और जो मेरा कैम्पेन चल रहा है उससे सरकार को जगाने पर और कानून को जगाने पर पूरा फोकस है.”लक्ष्मी को सामाजिक कार्यकर्ता आलोक दीक्षित से एक बेटी पीहू है. पीहू की मां व्यस्त दिनचर्या के बीच पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बीच संतुलन बनाना बखूबी जानती हैं. उन्होंने कहा कि वह अच्छी तरह बैलेंस बना लेती हैं, क्योंकि ये सबसे अच्छी चीज होती है कि आपने जीवन में मैनेजमेंट सीख लिया तो आप अपनी लाइफ में बहुत कुछ कर सकते हैं.

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