कांग्रेस जैसे दल देशद्रोहियों का पक्ष लें तो उनकी वास्तविकता उजागर करनी चाहिए: योगी आदित्यनाथ
लखनऊ: भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी की उस टिप्पणी के कुछ ही दिन बाद, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘भाजपा ने राजनीतिक रूप से असहमत लोगों को कभी राष्ट्र विरोधी नहीं कहा’, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथने मंगलवार को कहा कि जब कांग्रेस जैसे दल ‘देशद्रोहियों’ का पक्ष लें तो जनता के सामने उसकी वास्तविकता उजागर करनी चाहिए। योगी ने कहा कि ‘‘आडवाणी ने जो कहा है, उसमें कुछ गलत नहीं है। आडवाणी जी भाजपा के मार्गदर्शक हैं।’’
उल्लेखनीय है कि आडवाणी ने अपने ब्लाग में लिखा था कि ”अपनी स्थापना के बाद से ही भाजपा ने कभी उन्हें ‘शत्रु’ नहीं माना जो राजनीतिक रूप से हमारे विचारों से असहमत हों, बल्कि हमने उन्हें अपना सलाहकार माना है ।” उन्होंने लिखा, ”इसी तरह भारतीय राष्ट्रवाद की हमारी अवधारणा में, हमने कभी भी उन्हें ‘राष्ट्र विरोधी’ नहीं कहा, जो राजनीतिक रूप से हमसे असहमत थे।”
भाजपा की सहयोगी शिवसेना द्वारा आडवाणी के नजरिए पर व्यक्त टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो योगी सीधा जवाब देने से बचे। उन्होंने कहा कि शिवसेना हमारी सबसे पुरानी सहयोगी है और आज भी वह महाराष्ट्र में चुनाव लड़ने के लिए भाजपा के साथ मजबूती से खड़ी है। शिवसेना ने छह अप्रैल को आडवाणी की टिप्पणी की वजह जाननी चाही थी।
आडवाणी और अन्य वरिष्ठ नेताओं को लोकसभा चुनाव में इस बार टिकट नहीं दिए जाने के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने तय किया है कि राजनीति मूल्यों और आदर्शों के लिए होती है और इसके लिए एक आयुसीमा तय की गई है। उन्होंने कहा, ”मैं मानता हूं कि लोकतंत्र के लिए और राजनीतिक दलों के लिए, यह अच्छा संकेतक है। अगर सभी राजनीतिक पार्टियां इसका पालन करें तो अच्छा होगा। इससे भारत का लोकतंत्र मजबूत होगा।”
योगी ने कहा कि कई भाजपा नेताओं ने आयुसीमा का पालन करते हुए स्वेच्छा से ऐलान किया कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि इन नेताओं में केन्द्रीय मंत्री उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्र, शांता कुमार और हुकुमदेव नारायण यादव शामिल हैं। उन्होंने कहा, ”मैं समझता हूं कि यह लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत है।”
गुजरात की गांधीनगर लोकसभा सीट पर आडवाणी की जगह इस बार भाजपा अध्यक्ष अमित शाह चुनाव लड रहे हैं।