बेहतर रिश्तों के लिए रूस अपना रवैया बदले, प्रतिबंध को सही बताते हुए बोला अमेरिका
वॉशिंगटन: व्हाइट हाउस ने कहा है कि ट्रम्प प्रशासन रूस के साथ सकारात्मक संबंध चाहता है, लेकिन इसके लिये रूस को अपने बर्ताव में उल्लेखनीय बदलाव लाने की आवश्यकता है. अमेरिकी प्रशासन द्वारा रूस के सात कुलीनों, 12 कंपनियों एवं 17 शीर्ष अधिकारियों और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सहयोगियों पर प्रतिबंध लगाये जाने के कुछ ही घंटे बाद व्हाइट हाउस की यह टिप्पणी सामने आयी है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव साराह सैंडर्स ने 6 अप्रैल को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘रूसी सरकार के साथ हम सकारात्मक संबंध चाहते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें निश्चित रूप से अपने बर्ताव में उल्लेखनीय बदलाव लाने की आवश्यकता है.’’
व्हाइट हाउस ने कहा, गेंद रूसी पाले में
साराह ने कहा, ‘‘अमेरिकी कांग्रेस की इच्छा को ध्यान में रखते हुए ये प्रतिबंध एवंपूर्ण प्रशासनिक कार्रवाई यह साबित करती है कि राष्ट्रपति (डोनाल्ड ट्रम्प) का यह कहना बिल्कुल सही है कि कोई भी रूस पर सख्त नहीं रहा है.’’ उन्होंने कहा कि अब गेंद रूसी अदालत के पाले में है क्योंकि उनकी कार्रवाई ही यह फैसला करेगी कि निकट भविष्य में रूस के साथ अमेरिकी संबंध का स्वरूप क्या होगा. उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि राष्ट्रपति ने कहा कि वह रूस के साथ बेहतर संबंध चाहते हैं लेकिन यह रूस की कुछ कार्रवाइयों पर निर्भर करने वाला है.’’ अमेरिका के शीर्ष सांसदों ने रूस पर प्रतिबंधों का स्वागत किया है
वहीं दूसरी ओर रूस के सात सबसे प्रभावशाली कुलीनों पर अमेरिका द्वारा नए प्रतिबंध लगाए जाने पर रूस ने शनिवार (7 अप्रैल) को ‘‘कड़ी प्रतिक्रिया’’ देने की बात कही. रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘हम मौजूदा हमले या रूस के खिलाफ किसी भी नए हमले का कड़ा जवाब दिए बिना नहीं छोड़ेंगे.’’ अमेरिका के प्रतिबंधों में 12 कंपनियों, 17 वरिष्ठ रूसी अधिकारियों और हथियारों का निर्यात करने वाली एक सरकारी कंपनी को निशाना बनाया गया है. गौरतलब है कि पूर्व जासूस सर्गेइ स्क्रिपल को जहर देने के मामले से रूस और पश्चिमी देशों के बीच कूटनीतिक संकट पैदा हो गया है.
मंत्रालय ने कहा, ‘‘पहले के 50 चरणों के प्रतिबंधों से कुछ हासिल ना होने के बाद अमेरिका वीजा जारी ना करके डर फैला रहा है, रूस के उद्योगों की कंपनियों की संपत्ति जब्त करने की धमकी दे रहा है, जबकि वह भूल गया है कि निजी संपत्ति और अन्य लोगों के धन को अधिग्रहण करना चोरी मानी जाती है.’’ उसने कहा कि ऐसे प्रतिबंध अमेरिका को‘‘ बाजार अर्थव्यवस्था तथा ईमानदार और स्वतंत्र प्रतियोगिता के दुश्मनों’’ की श्रेणी में रखते हैं क्योंकि वे‘‘ विदेशी बाजारों में प्रतिद्वंद्वियों को खत्म करने के लिए प्रशासनिक हथकंडे अपनाते हैं.’’