पुराने वेतनमान पर पेंशन पाने वालों के लिए खुशखबरी, नीतीश सरकार ने बढ़ाया महंगाई भत्ता
पटना : बिहार के मुख्मंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में कई एजेंडों पर मुहर लगी. राज्य मंत्रिमंडल ने छठे केंद्रीय वेतन आयोग के अनुसार अपुनरीक्षित वेतनमान (अनरिवाइज्ड पे स्केल) में वेतन अथवा पेंशन पा रहे राज्य कर्मियों का महंगाई भत्ता बढ़ा दिया है. संशोधन के बाद इन्हें 148 प्रतिशत की बजाय 154 प्रतिशत महंगाई भत्ता प्राप्त हो सकेगा.
कर्मियों और पेंशन धारकों को यह लाभ एक जनवरी 2019 के प्रभाव से मिलेगा. इसी प्रकार पांचवां वेतन आयोग के अनुसार अपुनरीक्षित पेंशन और पारिवारिक पेंशन के लाभुकों के महंगाई भत्ता में भी वृद्धि की गई है. इन्हें अब 284 प्रतिशत की बजाय 295 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा.
शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. बैठक में अलग-अलग विभागों के कुल 13 प्रस्ताव विमर्श के बाद स्वीकृत किए गए. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अधीन चलने वाले सैरात, घाटों और हाटों की बंदोबस्ती अब सरकार नहीं करेगी. यह काम पंचायती राज संस्थाओं को सौंपने का फैसला लिया गया है.
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि अंतर जिला और अंतर्राज्यीय सैरातों को छोड़कर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अधीन संचालित सैरातों की बंदोबस्ती, प्रबंधन और मॉनिटरिंग खुद विभाग करता था. लेकिन सरकार ने अब इनके बंदोबस्त से लेकर प्रबंधन और मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी पंचायती राज संस्थाओं को सौंपने का निर्णय किया है.
फैसले के प्रभावी होने के बाद 50 हजार रुपये तक के सैरातों की बंदोबस्ती ग्राम पंचायतों के जरिए होंगी. पचास हजार से उपर और एक लाख तक की सैरात की बंदोबस्ती पंचायत समिति और एक लाख से पांच लाख तक की बंदोबस्ती जिला परिषद के माध्यम से हो सकेंगी. पांच लाख से उपर की बंदोबस्ती पूर्व की भांति सरकार के स्तर पर होगी. पूर्व में 20 हजार तक की बंदोबस्ती अंचलाधिकारी, 50 हजार तक की बंदोबस्ती डीसीएलआर, दो लाख तक के सैरात की बंदोबस्त अपर समाहर्ता और पांच लाख से उपर के सैरात, घाट और हाट की बंदोबस्ती जिलाधिकारी करते थे.
मंत्रिमंडल ने पंचायती राज विभाग के नियंत्रण में चलने वाली योजना में कनीय अभियंताओं को भी वित्तीय अधिकार देने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया है. कनीय अभियंता या तकनीकी सहायक भी बीस लाख तक की योजनाओं को स्वीकृति दे सकेंगे.