उन्नाव गैंगरेप : योगी सरकार का जवाब, आरोपी MLA के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक कुलदीप ङ्क्षसह सेंगर के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कछड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने योगी सरकार से पूछा है कि आप विधायक को गिरफ्तार करना चाहते हो या नहीं। इलाहाबाद हाई कोर्ट में दाखिल जवाब में उन्नाव गैंगरेप के आरोप विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को फिलहाल योगी सरकार ने क्लीन चिट दे दी है। यूपी सरकार ने कहा है कि अभी उनके पास विधायक के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं है। कोर्ट ने इस मामले में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो चुकी है और शुक्रवार को हाईकोर्ट अपना आदेश सुनाएगा। यूपी सरकार के महाधिवक्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल अपनी रिपोर्ट में कहा, विधायक कुलदीप सिंह के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं। सबूत होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। कानूनी प्रक्रिया के तहत अब तक कार्रवाई हुई है।
आपको बता दें कि उन्नाव गैंगरेप मामले में गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी सख्त रवैया अपनाते हुए साफ-साफ सरकार से पूछा कि वह 1 घंटे में बताए कि रेप के आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर को गिरफ्तार करेंगे या नहीं। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले पर बुधवार को यूपी सरकार से रिपोर्ट भी मांगी है।
पुलिस ने आरोपी विधायक के खिलाफ पाक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की है। एसआईटी की रिपोर्ट मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत किए जाने के बाद इस मामले में कई अधिकारियों पर भी गाज गिरी है। राज्य सरकार की ओर से देर रात बताया गया कि पूरे मामले की जांच सीबीआई करेगी। इसमें पीडि़ता के साथ दुष्कर्म करने और उसके पिता की हत्या करने का आरोप शामिल है। लापरवाही बरतने के आरोप में सफीपुर के सीओ कुंवर बहादुर सिंह को निलंबित कर दिया गया है।
पीडि़ता के पिता के उपचार में लापरवाही पर उन्नाव के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. डी के द्विवेदी व वरिष्ठ अधिकारी डॉ. प्रशांत उपाध्याय को भी निलंबित किया गया है। डॉ. मनोज, डॉ. जीपी सचान और डॉ. गौरव अग्रवाल के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। मामले में गठित एसआईटी की जांच में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को मारपीट की साजिश रचने का आरोपी बताया गया है। वहीं विधायक के भाई अतुल सिंह को पीडि़ता के पिता के साथ मारपीट करने का दोषी पाया गया है। उल्लेखनीय है कि उन्नाव रेप कांड की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी से 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट तलब की थी।