क्यों निकाली जाती है भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा
पुरी। भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा आज शुरू होने जा रही है। इस यात्रा से जुड़ी सुरक्षा तैयारी पूरी कर ली गई है। किसी भी भक्त को रथ यात्रा के दैरान कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम बरते गए हैं। भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा हिंदूओं के लिए धार्मिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती रही है। भगवान जगन्नाथ विष्णु के 8वें अवतार श्रीकृष्ण को समर्पित है।
जगन्नाथ रथ उत्सव 10 दिन तक मनाया जाता है। भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को जगन्नाथपुरी में शुरू होती है और दशमी तिथि को समाप्त हो जाती है। इस रथ यात्रा में शामिल होने देशभर से लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। रथयात्रा में सबसे आगे ताल ध्वज पर श्री बलराम, उसके पीछे पद्म ध्वज रथ पर माता सुभद्रा व सुदर्शन चक्र और अंत में गरुण ध्वज पर श्री जगन्नाथ जी सबसे पीछे चलते हैं।
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को लेकर कई तरह की मान्यताएं है। एक दिन भगवान जगन्नाथ की बहन सुभद्रा ने नगर देखने की इच्छा जताते हुए उनसे द्वारका के दर्शन कराने की प्रार्थना की थी।