श्रावण के महीने में इस प्रकार करें भगवान शिव काे प्रसन्न
जयपुर। शास्त्रों के अनुसार श्रावण महीना भगवान शिव को प्रिय होने के साथ-साथ मनोकामनाओं को पूरा करने का महीना भी माना जाता है। श्रावण मास को वर्ष का सबसे पवित्र महीना माना गया है। इस महीने में विवाह सम्बंधित सभी परेशानियों से छुटकारा मिल जाने की कवदंतियां हैं।
धार्मिक गुरुओं के अनुसार श्रावण का महीना भगवान शिव और विष्णु का आशीर्वाद लेकर आता है। माना जाता है कि देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए पूरे श्रावण माह में कठोरतप करके भगवान शिव को प्रसन्न किया था। यह महीना भगवान शिव के पूजन लिए खास महत्व रखता है।
ऐसे करें भगवान शिव की पूजा…
सोमवार का प्रतिनिधि ग्रह चंद्रमा है, यह मन का कारक माना जाता है। चंद्रमा भगवान शिव के मस्तक पर विराजमान हैं। यही वजह है कि भगवान शिव अपने भक्त के मन को नियंत्रित करके रखते हैं और सोमवार का दिन शिवजी की पूजा के लिए खास माना गया है। हिंदू मान्यता के अनुसार सावन के सोमवार पर शिवलिंग की पूजा करने पर विशेष फल की प्राप्ति हो जाती है। कुंवारी लड़कियां मनचाहा वर प्राप्त करने के लिए सावन के सोमवार का व्रत रखती हैं।
सुखी दांपत्य जीवन का वरदान इस प्रकार मिलेगा…
यदि जन्म कुंडली के सातवें भाव में पापी ग्रह सूर्य मंगल शनि हो तो दांपत्य जीवन में खटास आती है। सप्तम भाव पर भी अधिक पापी ग्रहों की दृष्टि हो और सप्तम भाव का स्वामी अस्त हो तो भी दांपत्य जीवन में खटास बनी रहती है। पति पत्नी दोनों मिलकर पूरे श्रावण मास दूध, दही, घी, शहद और शक्कर अर्थात पंचामृत से भगवान शिव शंकर का अभिषेक करें। ॐ पार्वती पतये नमः मंत्र का रुद्राक्ष की माला से 108 बार जाप करें। भगवान शिव के मंदिर में शाम के समय गाय के घी का दीपक संयुक्त रूप से ही जलाएं।
इस प्रकार मिलेगा बीमारियों से छुटकारा…
– श्रावण मास में सुबह के समय जल्दी उठकर । स्नान के जल में दो बूंद गंगाजल डालकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
एक पूजा की थाली में रोली-मोली, चावल, धूप, दीपक, सफेद चंदन, सफेद जनेऊ, कलावा, पीला फल, सफेद मिष्ठान, गंगा जल तथा पंचामृत आदि रखकर भगवान शिव के मंदिर लेकर जाए।
यदि संभव हो तो अपने घर से नंगे पैर भगवान शिव के मंदिर के लिए निकलें। मंदिर पहुंचकर विधि विधान से शिव परिवार की पूजा-अर्चना करेें।