पुलवामा आतंकी हमले के बाद जेल में नहीं रहा मसूद अजहर, तबियत भी बताई जा रही ठीक
नई दिल्ली: पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के सरगना मौलाना मसूद अजहर (Masood Azhar) को पाकिस्तान ने इस घटना के बाद कभी जेल में नहीं रखा. पुलवामा हमला और बदले में भारत के बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद कहा जा रहा था कि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय दबाव को देखते हुए मसूद अजहर को पकड़ कर जेल में डाल दिया है. उसके खराब स्वास्थ्य की खबरें भी सामने आई थीं. लेकिन अब खुफिया सूत्रों का कहना है कि पुलवामा हमले के बाद उसको कभी जेल में नहीं डाला गया.
सूत्रों के मुताबिक उसकी अंतिम लोकेशन बहावलपुर के मरकज सुभान अल्लाह में देखी गई थी. मसूद अजहर पाकिस्तान के बहावलपुर का ही रहने वाला है. वहीं से अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता रहा है. खुफिया सूत्रों का ये भी दावा है कि उसकी तबियत भी पहले से बेहतर है लेकिन सार्वजनिक स्थलों पर जाने से बच रहा है और धार्मिक भाषण भी नहीं दे रहा है.उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों भारत सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून यानी UAPA के तहत पाकिस्तान में छिपे हुए 4 साजिशकर्ताओं को आतंकवादी घोषित किया है. इस लिस्ट में हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम, मसूद अजहर और जकी उर रहमान लखवी का नाम शामिल है. बता दें कि साल 2008 में 26/11 आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद पाकिस्तान में जमात उद दावा नाम का आतंकी संगठन चला रहा है और लगाता भारत के खिलाफ आग उगलता रहता है. वहीं इस लिस्ट में दूसरा नाम आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा का सरगना जकी उर रहमान लखवी का है. लखवी कश्मीर में एलईटी का सुप्रीम कमांडर है और यह एनआईए की मोस्ट वान्टेड लिस्ट में भी शामिल है. इस लिस्ट में तीसरा नाम जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का है. इस लिस्ट में तीसरा नाम मुंबई बॉम्ब ब्लास्ट के आरोपी और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का है.
मौलाना मसूद अजहर (Maulana Masood Azhar) के खिलाफ मामले
– 1 अक्टूबर, 2001 को श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर राज्य विधानसभा कांप्लेक्स पर आतंकवादी हमला जिसमें अड़तीस व्यक्ति मारे गए थे.
– 13 दिसंबर, 2001 को भारत की संसद पर आतंकवादी हमला जिसमें 6 सुरक्षाबल कार्मिकों, दो संसद सुरक्षा सेवा कार्मिकों और एक आम नागरिक की जान गई थी.
– 2 जनवरी, 2016 को पाकिस्तान से आने वाले जैश-ए-मोहम्मद से संबंधित आतंकवादियों द्वारा पंजाब के पठानकोट पर आतंकवादी हमला, जिसमें सात सुरक्षा बल कार्मिकों की जान गई थी और 37 जख्मी हुए थे.
– हमहमा, श्रीनगर स्थित बीएसएफ शिविर पर (अक्टूबर, 2017), लेथपोरा, पुलवामा में सीआरपीएफ शिविर पर (दिसंबर, 2017), संजवान, जम्मू में सेना शिविर पर (फरवरी, 2018) हमले.
– 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा आतंकवादी हमला, जिसमें 40 सुरक्षाबल कार्मिकों की जान गई थी.