योगी सरकार की अनोखी मुहिम, गाय पालने पर हर महीने मिलेंगे इतने रुपये
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सड़कों पर घूमने वाली गायों की संख्या में कमी लाने के लिए अनोखी मुहिम शुरू की है. सरकार की इस मुहिम से गायों के खुले घूमने से फसलों को होने वाले नुकसान में कमी आएगी. साथ ही लोगों को आमदनी भी होगी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने सड़कों और गांवों में खुली घूमने वाली गायों को संरक्षण देने के लिए पिछले दिनों बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना शुरू की है.
आपको बता दें किसानों की शिकायत रहती है कि खुले घूमने वाले पशु उनकी फसल चौपट कर देते हैं. पिछले दिनों ऐसी भी खबरें आई कि लोगों ने आवारा घूमने वाले पशुओं को गांव के स्कूलों में बंद कर दिया. लेकिन अब इसके समाधान के लिए नई योजना लेकर आई है. राज्य सरकार की तरफ से मंजूर की गई ‘मुख्यमंत्री बेसहारा गौवंश सहभागिता योजना’ के लिए सरकार की तरफ से पहले चरण के लिए 109 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया गया है.
हर महीने खाते में जमा आएंगे 900 रुपये
इस योजना के तहत पहले चरण में सरकार, सरकारी गोशालाओं की एक लाख गायों को उन किसानों या ऐसे लोगों को सौंपेगी, जो इनकी देखभाल करने के इच्छुक हैं. इन गायों की देखभाल करने वाले को रोजाना 30 रुपये दिए जाएंगे. यानी प्रदेश सरकार हर महीने उसके बैंक खाते में 900 रुपये जमा करेगी. शुरुआत में तीन महीने का पैसा एकसाथ दिया जाएगा. इसके बाद हर महीने 900 रुपये महीना खाते में जमा किए जाएंगे.
पशु कल्याण के लिए 600 करोड़ रुपये की योजना
सरकार के अनुसार 2012 की गणना के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 205.66 लाख पशु हैं, जिनमें से 10-12 लाख आवारा पशु हैं. राज्य में 523 रजिस्टर्ड गोशालाएं हैं और कई गोशालाएं बनाई जा रही हैं. 2019-20 के बजट में राज्य सरकार ने पशु कल्याण के लिए 600 करोड़ रुपये की योजना तैयार की है. इसमें गांवों में पशु आश्रयस्थलों को तैयार करने और रखरखाव के लिए 250 करोड़ रुपये, जबकि शहरों में इसी काम के लिए 200 करोड़ रुपये शामिल हैं.
1500 लोगों ने गाय गोद लेने की इच्छा जताई
सरकार की इस योजना में शामिल होने के लिए लोगों में काफी दिलचस्पी है. लखनऊ के मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी तेज सिंह यादव ने बताया कि ‘मुख्यमंत्री बेसहारा गौवंश सहभागिता योजना’ के तहत उनके पास 1500 आवेदन आए हैं. इनमें ज्यादातर किसान और भूमिहीन लोग हैं. लखनऊ में अब तक 24,940 आवारा गौवंश पकड़े गए हैं और इनमें से 9,079 के कानों पर टैग लगा दिए गए हैं. टैग लगे जानवर गोद लिए जाने के लिए तैयार हैं.
बीमार होने की दशा में
किसी गाय या बछड़े को गोद लेने के बाद अगर वह बीमार हो जाता है तो इसकी जानकारी पशु चिकित्साधिकारी को देनी होगी. जिले का पशु पालन विभाग उस पशु की मुफ्त में चिकित्सा मुहैया करवाएगा. पशु की मौत होने की दशा में उसका पोस्टमार्टम किया जाएगा और अगर पशु की मौत के पीछे पशु पालक की लापरवाही सामने आई तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.