PMC Bank Crisis: RBI ने जमाकर्ताओं को दी राहत, निकासी सीमा 1,000 से बढ़ा कर की 10,000 रुपए
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के खाताधारकों को राहत देते हुए निकासी सीमा को बढ़ाने का ऐलान किया है। आरबीआई ने गुरुवार को अपने नए आदेश में पीएमसी बैंक खाताधारकों को खाते से 10,000 रुपए निकासी की अनुमति दी है। इससे पहले आरबीआई ने केवल 1,000 रुपए निकालने की ही अनुमति दी थी।
आरबीआई ने अपने बयान में कहा है कि अन्य नियम व शर्तें पहले की तरह ही बनी रहेंगी, उनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। नई राहत के साथ, बैंक के 60 प्रतिशत से अधिक उपभोक्ता अपने खाते से संपूर्ण राशि निकालने में सक्षम होंगे। उल्लेखनीय है कि पीएमसी खाताधारकों के अधिकांश ग्राहक निम्न आय वाले हैं लोग हैं और उनके खातों में केवल 10,000 रुपए तक राशि ही जमा है।
बैंक उपभोक्ताओं ने की पुलिस से शिकायत
संकट में घिरे पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) के कई खाताधारकों ने बैंक के अधिकारियों के खिलाफ गुरुवार को पुलिस में सामूहिक शिकायत दर्ज कराई है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ग्राहकों की ओर से बैंक के चेयरमैन और उसके निदेशकों के खिलाफ जनता के धन का गबन करने की शिकायत दर्ज कराई गई है।
सियान पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ मामला
बैंक के खाताधारकों का एक प्रतिनिधिमंडल मध्य मुंबई के सियान पुलिस स्टेशन गया और बैंक अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। रिजर्व बैंक ने पीएमसी बैंक पर नियामकीय खामियों के चलते कई पाबंदियां लगाई हैं। पुलिस अधिकारी ने कहा, शिकायत में आरोप लगाया गया है कि पीएमसी बैंक के चेयरमैन और उसके सभी निदेशकों सहित कम से कम 14 लोगों ने खाताधारकों के धन का गबन किया है।
पासपोर्ट जब्त करने की मांग
खाताधारकों ने अपनी शिकायत में इस बारे में उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया है। खाताधारकों ने कहा है कि शिकायत में जिन लोगों का नाम है, उनका पासपोर्ट जब्त किया जाए जिससे वे देश छोड़कर नहीं जा सकें। इसके अलावा खाताधारको ने बैंक के चेयरमैन और निदेशकों से ग्राहकों के धन के गबन पर स्पष्टीकरण देने को भी कहा है। शिकायत की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बैंक के पास पर्याप्त नकदी, लोगों की पाई-पाई सुरक्षित
पीएमसी बैंक के निलंबित प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस ने दावा किया है कि बैंक के पास अपनी देनदारियों को निपटाने के लिए पर्याप्त नकदी है और जनता की पाई-पाई सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि बैंक के सभी ऋण सुरक्षित हैं। सिर्फ एक बड़ा खाता एचडीआईएल मौजूदा संकट की एकमात्र वजह है।
एचडीआईएल की वजह से हुई कार्रवाई
रिजर्व बैंक द्वारा पीएमसी पर कार्रवाई की प्रमुख वजह बैंक द्वारा अपने डूबे कर्ज को कम कर दिखाना है। सूत्रों का कहना है कि बैंक की गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) दहाई अंकों में ऊंचे स्तर पर हैं। वहीं वित्त वर्ष 2018-19 में बैंक के बही खाते में एनपीए को 2.19 प्रतिशत के निचले स्तर पर दिखाया गया है। इससे पिछले वित्त वर्ष 2017-18 में यह 1.05 प्रतिशत था। थॉमस ने स्वीकार किया कि एचडीआईएल के खाते में एनपीए को कम कर दिखाने की वजह से यह समस्या खड़ी हुई है। स्लम पुनर्विकास कंपनी पहले से नकदी संकट से जूझ रही है। अब यह दिवाला प्रक्रिया में है। पिछले कई साल से कंपनी भुगतान में देरी कर रही है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि एचडीआईएल पर बैंक का कितना कर्ज बकाया है।
एचडीआईएल की मदद से खड़ा हुआ पीएमसी बैंक
उन्होंने कहा कि एचडीआईएल बैंक का सबसे बड़ा और पुराना ग्राहक है। एचडीआईएल को पुराना ग्राहक बताते हुए थॉमस ने कहा कि जब हम सिर्फ एक इकाई वाला बैंक थे तो उन्होंने हमें समर्थन दिया। जब हमें समस्या आई तब भी उनका सहयोग मिला। बहुत साल पहले 1988 में जब कोई बैंक में एक पैसा भी जमा नहीं करा रहा था, उन्होंने 13 लाख रुपए जमा कराए थे। थॉमस ने कहा कि बैंक का 40 से 50 प्रतिशत कारोबार सिर्फ एचडीआईएल से आता था। हमने उनसे काफी मुनाफा कमाया है। ऐसा नहीं होता तो हमारा बैंक आगे कैसे बढ़ता और हम शीर्ष पांच में कैसे आते?
सभी खाते हैं सुरक्षित
थॉमस ने कहा कि बैंक के अन्य सभी खाते सुरक्षित हैं। ग्राहकों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। हम बिना गारंटी कोई कर्ज नहीं देते और हमारा ऋण कवरेज अनुपात हमेशा 100-110 प्रतिशत रहा है। बैंक के पास सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) और नकद आरक्षित अनपुात (सीआरआर) के रूप में 4,000 करोड़ रुपए की नकदी है। बैंक की देनदारियां करीब 11,600 करोड़ रुपए हैं।
आरबीआई ने क्या की है कार्रवाई
भारतीय रिजर्व बैंक ने नियामकीय कार्रवाई करते हुए पीएमसी के प्रबंधन को भंग कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने छह महीने के लिए पीएमसी के कामकाज के लिए प्रशासक नियुक्त किया है। रिजर्व बैंक ने छह महीने के लिए पीएमसी के खाताधारकों की निकासी की सीमा 1,000 रुपए तय की है। इसके अलावा इस अवधि में बैंक द्वारा नया कर्ज देने पर भी रोक लगाई गई है।