यूपी सरकार ने शुरू की उपद्रवियों की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया, पैनल का हुआ गठन
लखनऊ: लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने चार सदस्यीय पैनल का गठन किया है जो नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध प्रदर्शनों में हिंसा के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्ति को पहुंचे नुकसान का आकलन करेगा. पैनल उपद्रवियों की पहचान करेगा और उन पर जुमार्ना लगाएगा और अगर वे राशि का भुगतान करने में विफल रहते हैं, तो उनकी संपत्तियों को जब्त कर लिया जाएगा.
यह आदेश 2010 के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर आधारित है जो सरकार को इससे होने वाले नुकसान से उबरने के लिए ऐसा करने की अनुमति देता है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा था कि हिंसा में शामिल लोगों को सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के लिए भुगतान करना होगा. उन्होंने कहा था, “हम उनकी संपत्तियों को जब्त करेंगे क्योंकि कई चेहरों की वीडियो फुटेज के माध्यम से पहचान हुई है.”
जिला अधिकारी द्वारा शनिवार रात जारी आदेश में कहा गया है कि अतिरिक्त जिला अधिकारी (एडीएम) (पूर्व), एडीम पश्चिम, एडीएम ट्रांस-गोमती और एडीएम प्रशासन उस समिति का हिस्सा होंगे जो संपत्ति को हुए नुकसान का आकलन करेगी.
समिति उन लोगों से प्रतिनिधित्व प्राप्त करेगी जिन्होंने नुकसान का सामना किया है और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान का आकलन भी किया है. हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान विभिन्न क्षेत्रों में किए गए सीसीटीवी फुटेज और वीडियो रिकॉडिंग के जरिए की जाएगी. प्रक्रिया 30 दिनों के भीतर पूरी हो जाएगी.
लखनऊ में जिला अधिकारियों ने सीसीटीवी फुटेज से उपद्रवियों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू की है. विभिन्न समाचार चैनलों द्वारा बनाई गई वीडियो रिकॉर्डिग भी उपद्रवियों की पहचान के लिए प्राप्त की जाएगी.
इस बीच, शनिवार को राज्य की राजधानी के कई हिस्सों में दहशत फैल गई, क्योंकि यह बात फैल गई कि बरामदगी के नोटिस संदिग्ध उपद्रवियों के घरों पर चिपकाए गए हैं.गोरखपुर में, विभिन्न चौराहों पर ‘वांछित’ संदेश के साथ लगभग 50 उपद्रवियों की तस्वीरें चिपकाई गईं.
चस्पा की गईं उपद्रवियों की तस्वीरें
सीएए के खिलाफ शुक्रवार को गोरखपुर में जुमे की नमाज के बाद हुए प्रदर्शन के मामले में पुलिस ने शनिवार को वीडियो फुटेज के आधार पर पहचाने गये करीब 50 लोगों की तस्वीरें जारी की.पुलिस क्षेत्राधिकारी वी पी सिंह ने बताया कि हिंसा की वीडियो फुटेज के जरिये करीब 50 लोगों की पहचान करके उनकी तस्वीरें निकाली गयी हैं. उन्हें सभी चौराहों और प्रमुख स्थानों पर चस्पा किया जाएगा. जो भी इन बलवाइयों के बारे में सूचना देगा, उसे इनाम दिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि पुलिस ने करीब 30 अन्य लोगों को हिरासत में लिया है. पुलिस किसी भी निर्दोष के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी, मगर बलवाइयों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. हमारी साइबर सेल लगातार वीडियो फुटेज खंगाल रही है. यह पता लगाया जा रहा है कि किन जगहों और घरों से पथराव हुआ था.