CDS का पद संभालने के बाद जनरल रावत ने कहा, तीनों सेनाएं एक टीम बनकर करेंगी काम
नई दिल्ली। देश के पूर्व आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने आज 1 जनवरी को भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का पद संभाल लिया है। मंगलवार को रावत सेना प्रमुख के पद से निवृत्त हुए हैं। बुधवार को साउथ ब्लॉक में जनरल रावत ने सुबह 10 बजे पदभार संभाला, इस दौरान वहां पर तीनों सेनाओं के चीफ मौजूद रहे। चीन ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद संभालने के बाद जनरल रावत ने कहा कि देश की तीनों सेनाएं अब एक टीम बनकर काम करेंगी।जनरल रावत से जब उनके राजनीतिक झुकाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें राजनीति से बहुत दूर रहना होता है और जो भी सरकार सत्ता में होती है उसके निर्देश पर काम करना होता है। जनरल रावत के लिए सरकार ने रक्षा मंत्रालय में सैन्य मामलों का अलग विभाग भी बना दिया है।
क्या होगा वर्दी में खास
एडिशनल डायरेक्टरेट जनरल ऑफ पब्लिक इनफॉरमेशन (एडीजीपीआई) ने मंगलवार को वर्दी पर लगने वाले बैच और दूसरी चीजों की तस्वीर जारी की है। सीडीएस बिपिन रावत तीनों सेनाओं के चीफ होंगे। ऐसे में उनकी वर्दी में तीनों सेनाओं के चिह्न होंगे। वर्दी पर लगने वाला बटन सुनहरे रंग का होगा जिसपर एक प्रतीक चिन्ह लगा होगा। इसके अलावा पीक कैप, कंधे पर लगने वाला बैच, बेल्ट का बकल और कार पर लगने वाले झंडे की तस्वीर जारी कर दी।
- CDS की बेल्ट के बकल और यूनिफॉर्म के बटन पर भी तीनों सेनाओं का मिला जुला LOGO होगा
- जबकि CDS की कार पर अब अलग झंडा लगेगा इसमें भी CDS का अलग LOGO लगेगा
- चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की कार पर मरून कलर कलर का बलिदान का प्रतीक चिन्ह लगेगा
ये होगी रावत की जिम्मेदारी
- CDS जनरल बिपिन रावत तीनों सेनाओं और सरकार के बीच एक पुल की तरह काम करेंगे
- वो बजट के हिसाब से नये हथियारों की ज़रूरत और उनकी ख़रीद पर सरकार को राय देंगे
- अब जनरल रावत बताएंगे कि देश को तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर चाहिये या फिर वायु सेना को 100 से ज़्यादा लड़ाकू विमानों की ज़रूरत है या फिर आर्मी के टैंक की ज़रूरत पहले पूरी होनी चाहिये।
- एक तरह से CDS का पद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के समान है। बस फ़र्क़ ये है कि CDS बिपिन रावत मिलिट्री ऑपरेशन से जुड़ी सलाह देंगे। जबकि NSA अजीत डोवल की ज़िम्मेदारी रणनीति बनाने की होगी।
रक्षा मंत्रालय में अब पांच विभाग
नए बदलाव के बाद रक्षा मंत्रालय में पांच विभाग हो गए हैं। ये हैं रक्षा विभाग, सैन्य मामलों के विभाग, रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा शोध विभाग और पूर्व सैनिक कल्याण विभाग। सैन्य मामलों का विभाग रक्षा मंत्रालय का एकीकृत मुख्यालय होगा, जिनमें सेना मुख्यालय, नौसेना मुख्यालय, वायुसेना मुख्यालय, सीडीएस मुख्यालय और प्रादेशिक सेना मुख्यालय शामिल हैं।