चंद्र ग्रहण का समय
ग्रहण प्रारंभ- 10 जनवरी 2020 को रात 10 बजकर 39 मिनट तक
ग्रहण समाप्त- 11 जनवरी 2020 को आधी रात 2 बजकर 20 मिनट तक
ग्रहण की अवधि- करीब 4 घंटे
आपको बता दें कि ग्रहण से करीब 12 घंटे पहले सूतक की शुरुआत हो जाती है। लेकिन इस बार सूतक काल नहीं होगा।आप किसी पंचांग या फिर किसी ज्योतिषी से पूछे तो बताएगा कि उपछाया चंद्र ग्रहण को शास्त्रों में ग्रहण की श्रेणी में नहीं रखा जाता है। जिसके कारण ग्रहण में सूतक काल नहीं लगेगा।
सूतक काल न लगने के कारण न ही मंदिरों के कपाट बंद किए जाए और न ही पूजा-पाठ वर्जित होगी। इस दिन आप नॉर्मल दिन की तरीके रह सकते है।
10 जनवरी को पौष पूर्णिमा भी पड़ रही है। इसलिए स्नान ग्रहण के बाद करना शुभ होगा।
इन देशों में भी दिखेगा चंद्र ग्रहण
इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, एशिया और अफ्रीका आदि देशों में भी दिखाई देगा।
उपछाया चंद्रग्रहण के बारे में क्या कहते है शास्त्र
शास्त्रों में उपछाया चंदग्रहण को ग्रहण के रुप में नहीं मानाजाता है। इसलिए पूर्णिमा तिथि के पर्व और त्योहार मनाए जाएंगे।
क्या होता है उपछाया चंद्र ग्रहण?
आपको बता दें कि चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा सबसे पहले प्रथ्वी की उपछाया पर प्रवेश करता है। जिसे ‘चंद्र मालिन्य’ कहते है। इसके बाद चंद्रमा प्रथ्वी की वास्तविक छाया ‘भूभा’ में प्रवेश करता है। जिसे वास्तविक चंद्र ग्रहण माना जाता है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि चंद्रमा उपछाया में प्रवेश करके उपछाया शंकु से ही बाहर निकल जाता है और भूभा में प्रवेश नहीं कर पाता है। इसीकारण उपछाया के समय चंद्रमा का एक बिंब केवल धुंधला पड़ता है। जिसे नॉर्मल तरीके से नहीं देखा जा सकता है। इसलिए इसे उपछाया चंद्र ग्रहण कहते है।