कांग्रेस और गहलोत को सबक सिखाने की जरूरत, उच्चतम न्यायालय तक जाएंगे: मायावती

नयी दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने राजस्थान के राजनीतिक संकट के बीच मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी के विधायकों का ‘असंवैधानिक तरीके’ से विलय कराने के लिए कांग्रेस एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सबक सिखाना जरूरी है तथा छह विधायकों के मुद्दे पर बसपा उच्चतम न्यायालय तक जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस और गहलोत को सबक सिखाने के लिए बसपा सही समय का इंतजार कर रही थी।

मायावती ने एक बयान में कहा, ‘‘राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बसपा ने कांग्रेस को बिना मांगे समर्थन दिया था ताकि सांप्रदायिक ताकतों को सत्ता से दूर रखा जा सके।’’ बसपा प्रमुख ने दावा किया, ‘‘दुख की बात यह है कि अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी बदनियती से बसपा को गंभीर नुकसान पहुंचाने के लिए हमारे सभी छह विधायकों को कांग्रेस में मिलाने की खातिर असंवैधानिक तरीके से कार्य किया। यही कृत्य उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में किया था।’’

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘गहलोत का कदम संविधान की 10वीं अनुसूची के विरुद्ध है। इसलिए बसपा के विधायकों को व्हिप जारी किया गया है कि वे कांग्रेस सरकार के खिलाफ वोट करें। यह निर्णय कांग्रेस की तरफ से बार बार धोखा दिए जाने के कारण लिया गया।’’ उनके मुताबिक राजस्थान में कांग्रेस की रहती है या नहीं रहती है, इसकी पूरी जिम्मेदारी कांग्रेस और अशोक गहलोत की होगी।

मायावती ने कहा, ‘‘बसपा इस मामले को लेकर पहले भी अदालत जा सकती थी, लेकिन कांग्रेस और खासकर अशोक गहलोत को सबक कब सिखाया जा सकता है, इसकी हम राह देख रहे थे। अब हमने अदालत में जाने का फैसला किया। हम इस मामले को ठंडा नहीं पड़ने देंगे। हम इस मामले को उच्चतम न्यायालय तक ले जाएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ कांग्रेस की तरफ से बार-बार असंवैधानिक तरीके से काम किया जा रहा है और ऐसे में उन्हें सबक सिखाया जाना चाहिए।’’

गौरतलब है कि राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम को एक नया मोड़ देते हुए बसपा ने पिछले साल कांग्रेस में शामिल होने के लिये पार्टी छोड़ने वाले छह विधायकों को विधानसभा में शक्तिपरीक्षण के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी (कांग्रेस) के खिलाफ मतदान करने का रविवार को व्हिप जारी किया। साल 2018 के चुनाव में संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, लखन मीणा, जोगेंद्र अवाना और राजेंद्र गुधा बसपा के टिकट पर जीत कर विधानसभा पहुंचे थे।

उन्होंने पिछले साल 16 सितंबर को कांग्रेस में एक समूह के रूप में विलय के लिए अर्जी दी थी। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने अर्जी के दो दिन बाद आदेश जारी कर घोषित किया कि इन छह विधायकों से कांग्रेस के अभिन्न सदस्य की तरह व्यवहार किया जाए। इस विलय से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार को मजबूती मिली और 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस सदस्यों की संख्या बढ़कर 107 हो गई।

उधर, भाजपा के एक विधायक ने शुक्रवार को राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में विलय को रद्द करने का अनुरोध किया था। बाद में न्यायालय ने इस याचिका को खारिज कर दिया। उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर मायावती ने आरोप लगाया कि कि उत्तर प्रदेश में कानून नहीं, बल्कि अपराधिक तत्वों का राज चल रहा है। पूरे उत्तर प्रदेश में जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था सुधारने के लिए सख्त फैसले करने होंगे। बसपा प्रमुख ने कहा कि कानून-व्यवस्था सुधारने के लिए भाजपा की सरकार को बसपा की अतीत की सरकारों की कार्यशैली से सबक सीखना चाहिए।

Related Articles

Back to top button

Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/tarunrat/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427

Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/tarunrat/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427