सुशांत सिंह राजपूत केस CBI के हवाले, सुप्रीम कोर्ट ने पटना में दर्ज FIR को सही माना
सुशांत सिंह राजपूत बहुचर्चित केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। एक्टर की मौत के मामले की जांच अब सीबीआई के हवाले कर दी गई है। आपको बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को अपने मुंबई स्थित घर में मृत पाए गए थे। तब से लेकर अब तक इस केस में प्रतिदिन नए मोड़ आ रहे हैं। सुशांत के पिता केके सिंह के पटना में एफआईआर दर्ज कराने के बार रिया चक्रवर्ती ने केस को बिहार से मुंबई ट्रांसफर करने की याचिका दर्ज कराई थी। इस याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट ने निणार्यक फैसला सुनाते हुए मामले की जांच सीबीआई को देने का आदेश दे दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले ईडी ने मुंबई पुलिस के रवैये पर सवाल उठाए थे। ईडी के सूत्रों के मुताबिक मुंबई पुलिस ने अभी तक डिजिटल एविडेंस नहीं सौंपे गए हैं। सुशांत के लैपटॉप और मोबाइल की फॉरेंसिक रिपोर्ट नहीं दी गई है। ईडी दोबारा रिया चक्रवर्ती, शौविक चक्रवर्ती और श्रुति मोदी को समन भेज सकती है।
सुशांत केस की सीबीआई जांच के लिए उनके परिवार, बॉलीवुड सेलिब्रिटीज और फैन्स लंबे समय से अपील कर रहे थे। मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी जांच में लगी हुई है। ईडी रिया चक्रवर्ती, उनके भाई शौविक, पिता इंद्रजीत, रिया के सीए रितेश शाह, पूर्व बिजनेस मैनेजर श्रुति मोदी, सिद्धार्थ पिठानी, हाउस मैनेजर सैमुअल मिरांडा और दिवंगत अभिनेता के अन्य निजी स्टाफ से पूछताछ करने के बाद अब पिता के.के. सिंह से पूछताछ की गई है। सुशांत के पिता ने ईडी को कुछ बैंक स्टेटमेंट भी सौंपे हैं।
रिया की वकील ने मंगलवार को एक स्टेटमेंट जारी किया और कहा- रिया और सुशांत की बहन प्रियंका एक पार्टी में साथ गए थे, सुशांत की बहन ने उस दिन काफी शराब पी ली थी, रिया उन्हें लेकर घर आ गईं। रिया सुशांत के कमरे में सो रही थीं तो प्रियंका ने रिया के साथ दुराचार करने की कोशिश की। इसके बाद रिया ने सुशांत को ये बात बताई और सुशांत और प्रियंका के बीच इस बात को लेकर काफी लड़ाई हुई। इस घटना के बाद से रिया और सुशांत के परिवार के बीच के रिश्ते खराब हो गए। इसके बाद सुशांत ने अपने परिवार से कहा कि वो मुंबई आ जाए और साथ रहे लेकिन परिवार ने उनकी बात नहीं मानी। सुशांत के काफी कहने पर उनकी बहन मीतू 8 जून को उनके घर रहने आईं। मीतू के आने से पहले रिया ने सुशांत का घर छोड़ दिया था।
रिया की वकील ने स्टेटमेंट में कहा- कानून के अनुसार, बिहार पुलिस को 0 एफआईआर दर्ज करनी चाहिए और जांच मुंबई पुलिस को हस्तांतरित करनी चाहिए। मामले की जांच के लिए बिहार पुलिस के पास कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है। रिया एक अवैध जांच के लिए प्रस्तुत नहीं होगी। बिहार पुलिस द्वारा की जाने वाली जाँच की प्रकृति के बारे में मेरे क्लाइंट को आशंकित करने वाले विभिन्न कारण थे। बिहार पुलिस ने 40 दिन से अधिक की देरी के बावजूद, शिकायत उसी दिन दर्ज कर ली। बिहार पुलिस ने बिना मेंरे मुवक्किल को जानकारी दिए मुंबई पहुंची। शिकायतकर्ता के अधिवक्ता के हवाले से कई अखबारों के लेख थे जिनमें कहा गया था कि बिहार पुलिस एफआईआर दर्ज करने में संकोच कर रही है लेकिन बिहार में राजनीतिक नेतृत्व के इशारे पर ऐसा किया। मेरे मुवक्किल ने आज तक किसी भी जांच एजेंसी के साथ सहयोग करने से नहीं कतराया है, लेकिन वह एक एजेंसी द्वारा निष्पक्ष जांच की हकदार है, जिसके पास मामले की जांच करने के लिए अधिकार क्षेत्र है।
25 जुलाई को बिहार पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में, सिंह ने आरोप लगाया था कि उनके बेटे के कोटक महिंद्रा बैंक खाते से 15 करोड़ रुपये निकाले गए या ट्रांसफर किए गए हैं, जिसके बाद ईडी ने 31 जुलाई को रिया और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था।