CM मनोहर लाल खट्टर का ऐलान, हरियाणा में अन्नदाताओं के लिए बनेंगी किसान अदालत

चंडीगढ़. हरियाणा में तीन कृषि अध्यादेशों पर मचे घमासान के बाद गुरुवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (CM Manohar Lal Khattar) सामने आए और 3 कृषि अध्यादेश पर सरकार के रुख को साफ किया. चंडीगढ़ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि तीनों कृषि अध्यादेश के लागू हो जाने के बाद भी हरियाणा में मंडी व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं होगा. फसल पहले की तरह न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएंगी. किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि 3 अध्यादेश केंद्र सरकार का विषय है. हरियाणा सरकार केंद्र के पास किए गए कानून को लागू करना ही होगा लेकिन इसमें हरियाणा सरकार को कुछ अतिरिक्त प्रावधान करने के अधिकार होंगे. अगर राज्य सरकार को लगता है कि इन तीनों अध्यादेशों के लागू होने के बाद किसी भी पक्ष के हित प्रभावित हो रहे हैं तो सरकार उनका समाधान करने को तैयार है. सरकार की कोशिश टकराव दूर करने की रहेगी.

कांग्रेस पर किसानों को गुमराह करने के आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कांग्रेस इस मामले को बेवजह हवा देने में लगी हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है लेकिन वहां पर मक्के और बाजरे की खरीद नहीं होती. इन राज्यों का मक्का हरियाणा में बिकता था लेकिन सरकार ने इस पर रोक लगा दी है. हरियाणा सरकार कभी भी बाजार मक्का की खरीद में प्रदेश के किसानों का नुकसान नहीं होने देगी. प्रदेश में हमारी सरकार बनने के बाद ही बाजरे की सरकारी खरीद शुरू हुई है.

मुख्यमंत्री खट्टर ने कही ये बात

हरियाणा में आढ़तियों के बकाया कमीशन पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले साल धान और बाजरे का 252 करोड़ रुपये कमीशन दिया था. इसी तरह इस साल गेहूं और सरसों का करीबन 309 करोड़ रुपये कमीशन दिया जा चुका है और 256 करोड रुपये का कमीशन बकाया है. इसमें हिसाब किताब को लेकर कुछ दिक्कतें हैं जिनका समाधान होने के बाद भुगतान कर दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने आढ़तियों को लस्टर लॉस के तौर पर चार रुपए 60 पैसे के हिसाब से करीबन 20 करोड़ रुपये आढ़तियों को दिए हैं. इस बार लस्टर लॉस 4.60 रुपये प्रति क्विंटल की दर से निर्धारित किया है.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पहले बाहरी खरीद पर मार्केट और एचआरडीएफ फीस लगती थी और बाहरी खरीद करने वालों के चालान भी किए जाते थे. लेकिन इस बार से कोई भी भारी व्यक्ति एमएसपी पर फसल खरीद सकता है. इस पर ना तो उससे कोई शुल्क लिया जाएगा और ना ही उसका चालान काटा जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2014 में कांग्रेस सरकार ने भी फल और सब्जियों को मार्केट सिस्टम से हटा दिया था.

किसानों की दिक्कतों का होगा समाधान

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि किसानों की दिक्कतों का समाधान करने के लिए सरकार जिला स्तर पर कृषि अदालतें भी स्थापित करेगी जिसमें योग्य व्यक्तियों की नियुक्ति की जाएगी ताकि किसानों के हितों की अनदेखी ना हो. कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर सरकार का पक्ष रखते हुए उन्होंने कहा कि इस वक्त प्रदेश में 333 कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग हो रही है जिनमें सिरसा में 1121, भिवानी में 900 एकड़ और ग्राम में 321 एकड़ भूमि शामिल है. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने आयोग की एक सिफारिश को छोड़कर सभी सिफारिशों को लागू कर दिया है. अब केवल सी टू फार्मूले के हिसाब से जिस में जमीन की कीमत के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने की बात लिखी है. वह लागू नहीं की गई है.

हरियाणा में स्कूलों को खोले जाने के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार ने 22 सितंबर से स्कूलों को 50 फ़ीसदी क्षमता के अनुसार शुरू करने की तैयारी कर रही है. शिक्षा विभाग इसको लेकर तैयारियों में जुटा है. करोना पर पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा में भले ही संक्रमण का कुल आंकड़ा एक लाख को पार कर गया है लेकिन फिलहाल प्रदेश में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या करीबन 21000 है. ऐसे में घबराने की कोई जरूरत नहीं है. सरकार स्वास्थ्य सिस्टम में लोगों की विश्वास बहाली के लिए लगी हुई है.

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