भारत ने Covid-19 से निपटने के लिए मालदीव को दिए 25 करोड़ डॉलर
माले। भारत ने कोविड-19 महामारी के अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रभाव से निपटने में मदद के लिये मालदीव को 25 करोड़ डॉलर की वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी है। भारतीय दूतावास ने रविवार को यह जानकारी दी। मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश की कठिन आर्थिक स्थिति से पार पाने में मदद के आग्रह के बाद यह सहायता दी गयी है। यह वित्तीय सहायता सर्वाधिक अनुकूल शर्तों पर उपलब्ध करायी गयी है। दूतावास ने एक बयान में कहा कि रविवार को विदेश मंत्रालय में आयोजित कार्यक्रम में वित्तीय सहायता अनुदान सौंपा गया। इस मौके पर विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद, वित्त मंत्री इब्राहिम अमीर, उच्चायुक्त संजय सुधीर और एसबीआई-माले के मुख्य कार्यपालक अधिकारी भारत मिश्रा मौजूद थे। विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ डिजिटल माध्यम से बैठक के दौरान वित्तीय सहायता की घोषणा की गयी थी। यह सहायता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), माले को ट्रेजरी बांड की बिक्री के जरिये उपलब्ध करायी गयी। भुगतान को लेकर ट्रेजरी बिल की अवधि दस साल है। दूतावास ने कहा कि भारत-मालदीव की भागीदारी अलग और अनूठी है और कोविड-19 महामारी ने इसे रेखांकित किया है। भारत इस कठिन समय में हमेशा मालदीव की जनता और यहां के लोगों के साथ खड़ा रहा है और रहेगा। भारत ने कोवड-19 महामारी के दौरान निरंतर मालदीव को सहायता उपलब्ध करायी है। कोविड-19 महामरी से निपटने को लेकर डॉक्टरों और विशेषज्ञों का एक दल मार्च में मालदीव गया था। अप्रैल में 5.5 टन जरूरी दवाओं की खेप दी गयी। वहीं 6.2 टन दवाएं और 580 टन खाद्य पदार्थ मई में भारतीय वायु सेना ने पहुंचाये।मालदीव सरकर के आग्रह पर भारत वहां की स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के लिये अल्प अवधि के लिये अनुबंध के आधार पर नियुक्त किये गये डॉक्टरों और नर्सों को भेजेगा। मालदीव के राजस्व में पर्यटन की एक तिहाई हिस्सेदारी है। कोविड-19 संकट के कारण पर्यटन पर बुरा असर पड़ा है। मालदीव की आर्थिक विकास राज्यमंत्री नीजा इमाद ने कहा कि कोविड-19 का देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ा है। खासकर एसएमई (छोटे एवं मझोले उद्यम) इससे काफी ज्यादा प्रभावित हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के अनुसार मौजूदा संकट के कारण देश की अर्थव्यवस्था में 2020 में 8.1 प्रतिशत की गिरावट आएगी।