सुधारों की त्रिमूर्ति का असर हर भारतीय पर पड़ेगा : मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत ने शिक्षा, श्रम और कृषि के क्षेत्र में सुधारों की एक त्रिमूर्ति का काम किया है और एक साथ वे लगभग हर भारतीय को प्रभावित करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को इन्वेस्ट इंडिया कॉन्फ्रेंस में कनाडा के कारोबारियों को संबोधित किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने भारत में निवेश अवसरों के बारे में कारोबारियों को जानकारी दी। कनाडाई निवेशकों को आमंत्रित करते हुए प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत बाजार के साथ-साथ मानसिकता में तेजी से बदलाव कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत ने कंपनियों के अधिनियम के तहत डी-रेगुलेशन और डेक्रिमिनलाइजेशन की यात्रा शुरू कर दी है। भारत पिछले पांच वर्षों में विश्व बैंक की कारोबार को सुगम बनाने के लिए दी जाने वाली रेटिंग में आसानी से 142 से 63वें स्थान पर पहुंच गया है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि श्रम कानूनों में सुधार श्रम कोडों की संख्या को बहुत कम कर देते हैं। वे कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के लिए अनुकूल हैं। और व्यापार करने में आसानी को बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि ये विकसित होने का अवसर है, क्योंकि कोविड-19 के दौरान विभिन्न प्रकार की समस्याएं थीं। मोदी ने कहा कि हमने सरकारी संपत्ति और पेंशन कोष के लिए कर व्यवस्था उदार बनाई है और एफडीआई व्यवस्था को काफी उदार बनाया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शिक्षा में सुधार से विदेशी विश्वविद्यालय देश में आ सकेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया की फामेर्सी की भूमिका निभा रहा है और हम अब तक 150 देशों को दवा मुहैया करा चुके हैं। उन्होंने कहा, “भारत-कनाडा द्विपक्षीय संबंध हमारे साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और कई सामान्य हितों से प्रेरित हैं।”