गोरखपुरः सीएम योगी ने ढाई घंटे तक की महानिशा पूजा, कोरोना से मुक्ति की मांगी दुआ
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार की शाम को गोरखनाथ मंदिर में महानिशा पूजन किया. मुख्यमंत्री ने मठ के प्रथम तल पर स्थित शक्ति मंदिर में करीब ढाई घंटे तक मां भगवती की अराधना की. हालांकि मंदिर में अनुष्ठान शाम 4 बजे से ही शुरू हो गया, लेकिन योगी आदित्यनाथ 6 बजे के करीब अनुष्ठान में शामिल हुए. अनुष्ठान का सिलसिला 8.30 बजे तक चला.
नाथ संप्रदाय की परम्परा के अनुसार अष्टमी का हवन अष्टमी की रात में ही हो जाता है. शुक्रवार दिन में 12.30 बजे से अष्टमी तिथि लग गई. इसलिए शुक्रवार की शाम 6 बजे से सीएम योगी आदित्यनाथ पूजन में शामिल हुए. मंदिर के प्रधान पुरोहित आचार्य रामानुज त्रिपाठी ने गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ से गौरी गणेश पूजन, वरूण पूजन, पीठ पूजन, यंत्र पूजन, स्थापित मां दुर्गा का विधिवत पूजन, भगवान राम-लक्ष्मण-सीता का षोडसोपचार पूजन, भगवान कृष्ण एवं गोमाता का पूजन, नवग्रह पूजन, विल्व अधिष्ठात्री देवता पूजन कराया.
उसके बाद शस्त्र पूजन, द्वादस ज्योर्तिलिंग-अर्धनारीश्वर एवं शिव-शक्ति पूजन, वटुक भैरव, काल भैरव, त्रिशूल पर्वत पूजन का अनुष्ठान सम्पन्न कराया. उसके बाद दुर्गा सप्तसती के पाठ एवं वैदिक मंत्रों के साथ पूजन का अनुष्ठान संपंन हुआ.
कोरोना से निजात की कामना की
सीएम योगी आदित्यनाथ ने शाम 7 बजे के करीब शक्ति मंदिर के बाहर बनाई गई वेदी पर उगे जौ के पौधे को वैदिक मंत्रों के बीच काटा. उसके बाद हवन वेदी पर ब्रह्मा, विष्णु, रूद्र और अग्नि देवता का आह्वान कर उनका विनयवत श्रद्धाभाव से पूजन कर कोरोना से निजात और लोकमंगल की कामना की. दुर्गा सप्तशती के सम्पूर्ण पाठ के साथ हवन संपंन हुआ. परम्परागत रूप से योगी आदित्यनाथ ने नारियल, गन्ना, केला, जायफर, खीरा की बलि देकर शक्ति की आराधना पूर्ण किया.
गुरु गोरक्षनाथ का पूजन कर गोशाला में की गो-सेवा
शुक्रवार दोपहर 3.41 पर मुख्यमंत्री गोरखनाथ मंदिर पहुंचे. उन्होंने विधिविधान से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच गुरु गोरखनाथ का पूजन कर अखण्ड ज्योति का दर्शन किया. उसके बाद समाधि पर ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ एवं ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ के समक्ष माथा टेका. उन्होंने तकरीबन 30 मिनट का समय गोशाला में गायों के बीच व्यतीत किया. गो सेवा करते हुए उन्होंने गायों को गुड़ एवं चना खिलाया.