कृषि कानूनों के विरोध के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने मन की बात में किसानों को दिया अहम मैसेज

नई दिल्ली. रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में नए कृषि कानूनों का भी जिक्र किया। किसानों के आंदोलन के दौरान पीएम मोदी द्वारा मन की बात कार्यक्रम में नए कृषि कानूनों पर चर्चा करना काफी अहम है। पीएम मोदी ने कहा कि बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं। काफी विचार-विमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप दिया। इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुए, बल्कि उन्हें नए अधिकार, नए अवसर भी मिले हैं। इन अधिकारों ने बुहत ही कम समय में, किसानों की परेशानियों को कम करना भी शुरू कर दिया है।

पीएम मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र के धुले जिले के किसान जितेंद्र भोइजी ने नए कृषि कानूनों का इस्तेमाल कैसे किया, ये आपको भी जानना जाहिए। पीएम ने बताया, “जितेंद्र भोइजी ने मक्के की खेती की थी औऱ सही दामों के लिए उसे व्यापारियों को बेचना तय किया। फसल की कुल कीमत तय हुई करीब 3.32 लाख रुपये। जितेंद्र को पच्चीस हजार रुपये एडवांस भी मिल गए थे। तय ये हुआ कि बाकी का पैसा उन्हें 15 दिन में चुका दिया जाएगा लेकिन बाद में परस्थितियां ऐसी बनी कि उन्हें बाकी का पेमेंट नहीं मिला।”

प्रधानमंत्री ने बताया, “किसान से फसल खरीद लो, महीनों-महीनों पेमेंट न करो, संभवत: मक्का खरीदने वाले बरसों से चली आ रही उसी परंपरा को निभा रहे थे। इसी तरह चार महीने तक जितेंद्र का पेमेंट नहीं हुआ। इस स्थिति में उनकी मदद की सितंबर में जो पास हुए हैं, जो कृषि कानून बने हैं- वो उनके आए। पीएम  ने कहा कि कानून में एक और बहुत बड़ी बात है, इस क़ानून में ये प्रावधान किया गया है कि क्षेत्र के SDM को एक महीने के भीतर ही किसान की शिकायत का निपटारा करना होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब, जब, ऐसे कानून की ताकत हमारे किसान भाई के पास थी, तो, उनकी समस्या का समाधान तो होना ही था, उन्होंने शिकायत की और चंद ही दिन में उनका बकाया चुका दिया गया| यानि कि कानून की सही और पूरी जानकारी ही जितेन्द्र जी की ताकत बनी।पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में राजस्थान के मो. असलम का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा, “क्षेत्र कोई भी हो, हर तरह के भ्रम और अफवाहों से दूर, सही जानकारी, हर व्यक्ति के लिए बहुत बड़ा संबल होती है। किसानों में जागरुकता बढ़ाने का ऐसा ही एक काम कर रहे हैं, राजस्थआन के बारां जिले के रहने वाले मो. असलम जी। ये एक किसान उत्पादक संध के CEO भी हैं। मो. असलम ने अपने क्षेत्र के अनेकों किसानों को मिलाकर एक व्हाट्सएप ग्रुप बना लिया है। इस ग्रुप पर वो एक रोज, आसप-पास की मंडियों में क्या भाव चल रहा है, इसकी जानकारी किसानों को देते हैं। खुद उनका PFO भी किसानों से फसल खरीदता है, इसलिए उनके इस प्रयास से किसानों को निर्णय लेने में मदद मिलती है।”

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