कांग्रेस की शिवसेना को धमकी- अगर औरंगाबाद का नाम बदला तो मुश्किल में फंसेगी सरकार
औरंगाबाद. महाराष्ट्र में शिवसेना और कांग्रेस (Shiv Sena Vs Congress) के बीच एक बार फिर से तलवारें खींच गई हैं. इस बार मुद्दा है औरंगाबाद (Aurangabad) शहर. दरअसर शिवसेना औरंगाबाद का नाम बदल कर संभाजीनगर रखना चाहती है. लेकिन कांग्रेस इसका विरोध कर रही है. कांग्रेस नेता संजय निरुपम (Sanjay Nirupam) ने कहा है कि अगर नाम बदला तो सरकार खतरे में पड़ जाएगी. इससे पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख बालासाहेब थोराट ने कहा था कि अगर औरंगाबाद का नाम बदलने का कोई प्रस्ताव आता है तो उनकी पार्टी इसका विरोध करेगी. बता दें कि करीब 20 साल पहले शिवसेना ने सबसे पहले औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने की मांग की थी.
संजय निरुपम ने ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘औरंगाबाद का नामांतरण शिवसेना का अपनी पुराना एजेंडा है. लेकिन सरकार तीन पार्टियों की है, यह नहीं भूलना चाहिए. गठबंधन की सरकारें कॉमन मिनिमम प्रोग्राम से चलती हैं. किसी के पर्सनल एजेंडे से नहीं. प्रोग्राम काम करने के लिए बना है,नाम बदलने के लिए नहीं. औरंगजेब का व्यक्तित्व विवादास्पद रहा है. उसके हर पक्ष से कांग्रेस सहमत हो जरूरी नहीं. संभाजी महान योद्धा थे।उनका आत्मोत्सर्ग वंदनीय है. इस पर कोई मतभेद नहीं. लेकिन सरकार चलाते समय शिवसेना महापुरुषों को बीच में लाएगी तो यकीनन गच्चा खा जाएगी. खुद तय कर ले उन्होंने कहा कि स्थानों के नाम बदलना शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) का हिस्सा नहीं था.
‘क्या कहा शिवसेना ने?
पिछले दिनों शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में कहा था कि कांग्रेस ने औरंगाबाद का नाम बदलने के प्रस्ताव का विरोध किया है. संपादकीय में लिखा था, ‘कांग्रेस का प्रस्ताव का विरोध करना कोई नई बात नहीं है, लिहाजा इसे महा विकास अघाड़ी सरकार से जोड़ना मूर्खता है. थोराट ने ऐलान किया है कि अगर औरंगाबाद का नाम बदलने का कोई भी प्रस्ताव सरकार के सामने आता है तो उनकी पार्टी इसका विरोध करेगी. ये उनका दावा है. उनके इस बयान के बाद बीजेपी नेताओं ने शिवसेना से इस मुद्दे पर अपना रुख साफ करने की मांग करना शुरू कर दिया है. लेकिन शिवसेना ने अपना रुख नहीं बदला है.
‘महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का समर्थन
बता दें कि औरंगाबाद शहर का नाम बदलने के प्रस्ताव का महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने समर्थन किया है. नवनिर्माण सेना के समर्थकों ने कहा है कि महा विकास आघाडी सरकार को 26 जनवरी तक शहर का नाम बदल कर संभाजीनगर कर कर देना चाहिए.