नारद स्टिंग मामला : गिरफ्तार किए गए पश्चिम बंगाल के मंत्रियों, नेताओं को जेल ले जाया गया
कोलकाता। नारद स्टिंग टेप मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा गिरफ्तार किए गए तृणमूल कांग्रेस के मंत्रियों और एक विधायक तथा एक पूर्व नेता को सोमवार देर रात कोलकाता में प्रेसीडेंसी करेक्शनल होम ले जाया गया। केंद्रीय जांच एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने इस बारे में बताया। मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फरहाद हकीम, तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा और पूर्व नेता शोभन चटर्जी को चिकित्सकीय जांच के बाद निजाम पैलेस स्थित सीबीआई के दफ्तर से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जेल ले जाया गया। जेल के भीतर ले जाते समय इन चारों नेताओं के परिजन जेल के बाहर मौजूद थे। हकीम ने निजाम पैलेस के बाहर कहा, ‘‘मुझे न्यायपालिका में पूरा भरोसा है।
भाजपा मेरे उत्पीड़न के लिए किसी का भी इस्तेमाल कर सकती है।’’ इस दौरान कोलकाता नगर निगम के प्रशासक बोर्ड के अध्यक्ष की आंखें नम थीं। उन्होंने कहा कि महामारी के इस वक्त में वह कोलकाता के लोगों की सेवा का अपना फर्ज पूरा नहीं कर सके। मित्रा ने कहा, ‘‘मुकुल (रॉय) और शुभेंदु (अधिकारी) को छोड़कर हम सभी बुरे हैं।’’ मामले में रॉय और अधिकारी भी आरोपी हैं जिन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है। स्टिंग ऑपरेशन के दौरान वे तृणमूल नेता थे लेकिन अब वे भाजपा विधायक हैं। चटर्जी ने कहा, ‘‘मैं कोई डकैत नहीं हूं। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है जो सीबीआई मुझे गिरफ्तार करने मेरे बेडरूम में घुस आये।’’ इन चारों नेताओं को सोमवार सुबह गिरफ्तार किया गया था। नारद स्टिंग टेप मामले में गिरफ्तार नेताओं के खिलाफ सीबीआई ने आरोपपत्र भी दाखिल किया है।
सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले में तृणमूल के नेताओं को जमानत दे दी थी लेकिन कलकत्ता उच्च न्यायालय ने विशेष अदालत के इस आदेश के अमल पर रोक लगा दी। उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि विशेष अदालत के आदेश पर रोक लगाना ही सही होगा। न्यायालय ने अगले आदेश तक सभी अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में भेजने का भी आदेश दिया। नारद टीवी न्यूज चैनल के मैथ्यू सैमुअल ने 2014 में कथित स्टिंग ऑपरेशन किया था जिसमें तृणमूल कांगेस के मंत्री, सांसद और विधायक लाभ के बदले में एक कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर धन लेते नजर आए।