अगले महीने UNSC की अध्यक्षता करेगा भारत; पीएम मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर करेंगे अहम बैठक
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi), विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) और विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला (Harsh Shringala) अगले महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की भारतीय अध्यक्षता के दौरान समुद्री सुरक्षा, संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान और आतंकवाद विरोधी विषयों सहित वैश्विक दुनिया के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर उच्च स्तरीय बैठकों की अध्यक्षता करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल माध्यम से इन बैठकों की अध्यक्षता करेंगे, जबकि विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेश सचिव श्रृंगला अगले महीने न्यूयॉर्क के दौरे पर जाएंगे, जहां वे 2021 में एक महीने लंबी यूएनएससी की भारतीय अध्यक्षता के कार्यकाल को गाइड करेंगे. भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का दो साल के लिए अस्थायी सदस्य है. ये अवधि 2022 के अंत में पूरी होगी.
विदेश सचिव श्रृंगला बुधवार की सुबह न्यूयॉर्क के लिए रवाना होंगे. दो दिन के इस दौरे में श्रृंगला संयुक्त राष्ट्र के भारतीय अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरूमूर्ति के साथ चर्चा के बाद भारत की कार्ययोजना को अंतिम रूप देंगे. 15 और 16 जुलाई को अपनी आधिकारिक बैठक के दौरान श्रृंगला फ्रांस के विदेश मंत्री जीन वेस ले ड्रियन, ब्रिटेन के गृह मंत्री और संयुक्त राष्ट्र के अन्य गणमान्य लोगों के साथ मुलाकात कर सकते हैं.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने कार्यकाल को बेहद गंभीरता से लेने का फैसला किया है. दो साल के इस कार्यकाल में विदेश मंत्री जयशंकर और विदेश सचिव श्रृंगला अक्सर संयुक्त राष्ट्र का दौरा करेंगे. हालांकि बहुत कुछ वैश्विक महामारी की स्थिति पर निर्भर करता है. इन कार्यक्रमों के अलावा सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र की आम सभा और अन्य महत्वपूर्ण बैठकों को भी संबोधित करेंगे.
लीबिया और सीरिया संकट के मुकाबले अफगानिस्तान में सुरक्षा की स्थिति अब सबसे बड़ा मुद्दा है. अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा बढ़ता जा रहा है और काबुल में सुरक्षा की स्थिति बिगड़ रही है. आने वाले समय में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद इस पर चर्चा कर सकती है. न्यूयॉर्क से संयुक्त राष्ट्र के एक राजनयिक के हवाले से हिंदुस्तान टाइम्स ने लिखा है, ‘अफगानिस्तान, लीबिया, इराक और सीरिया पर अक्सर यूएनएससी में चर्चा होती है और भारतीय अध्यक्षता के दौरान भी इन ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा हो सकती है.’
इसके अलावा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में निर्बाध वैश्विक व्यापार के लिए नौवहन की स्वतंत्रता के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समुद्री सुरक्षा पर उच्च स्तरीय चर्चा बहुत महत्वपूर्ण होगी. आतंकवाद से निपटने में सहयोग को भी प्राथमिकता दी जाएगी, क्योंकि आने वाले दिनों में अफगानिस्तान, पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों की हिंसा का नया केंद्र बन सकता है.पाकिस्तान स्थित ठिकानों का उपयोग आतंकी अपनी ट्रेनिंग और भारत, अमेरिका, ब्रिटेन और इजरायल जैसे देशों पर हमले के लिए कर सकते हैं. ध्यान रहे कि 1996 में काबुल पर तालिबान के कब्जे के दौरान ऐसा ही हुआ था. संयोगवश, भारत संयुक्त राष्ट्र की 1267 कमिटी का प्रमुख है, जो वैश्विक आतंकवादियों को नामित करती है.