यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज की लिस्ट में शामिल किया गया गुजरात का हड़प्पा काल का शहर धोलावीरा, पीएम मोदी ने दी बधाई

नई दिल्ली: गुजरात के हड़प्पा काल के शहर धोलावीरा को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है. संयुक्त राष्ट्र के संगठन ने मंगलवार को यह जानकारी दी. संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने ट्वीट किया, ‘‘धोलावीरा : भारत में, हड़प्पाकालीन शहर को विश्व धरोहर सूची में अभी-अभी शामिल किया गया. बधाई हो!’’

यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के 44वें सत्र में भारत को तेलंगाना में रूद्रेश्वर/रामप्पा मंदिर के रूप में एक नया विश्व धरोहर स्थल मिला है, जो 13वीं सदी का है. गुजरात में अब तक तीन विश्व धरोहर स्थल थे, जिनमें पावागढ़ के निकट चंपानेर, पाटन में रानी की वाव और ऐतिहासिक शहर अहमदाबाद शामिल हैं.

पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी बधाई
धोलावीरा और रामप्पा मंदिर को विश्व विरासत की सूची में शामिल किए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बधाई दी. उन्होंने ट्वीट करके कहा कि मैं छात्र जीवन के दौरान पहली बार धोलावीरा गया था और वहां का नजारा देखकर मंत्रमुग्ध हो गया था. गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में, मुझे धोलावीरा में विरासत संरक्षण और जीर्णोद्धार से संबंधित पहलुओं पर काम करने का अवसर मिला. हमारी टीम ने वहां टूरिज्म फ्रेंडली इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने का भी काम किया.

आपको बता दें कि वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी 21 राज्यों की प्रतिनिधियों से मिलकर बनी हुई है. यही कमेटी निर्धारित करती है कि कौन सा शहर विश्व हेरिटेज की लिस्ट में शामिल किया जाएगा या नहीं. यूनेस्को विश्व धरोहर समिति के 43वें सत्र में राजस्थान की राजधानी जयपुर को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी की लिस्ट में शामिल किया गया था.

भारत का 40वां स्थल लिस्ट में हुआ शामिल
विश्व धरोहर समिति के इस सत्र की अध्यक्षता चीन में फुझोऊ से की जा रही है और यह ऑनलाइन किया जा रहा है. यह 16 जुलाई को शुरू हुआ था और 31 जुलाई को संपन्न होगा. संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मुझे भारतवासियों से यह साझा करते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि अब धोलावीरा के रूप में यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची भारत का 40वां स्थल शामिल हो गया है.’’

उन्होंने कहा कि आज भारत के लिए, विशेष रूप से गुजरात के लिए गर्व का दिन है. उन्होंने कहा, ‘‘2014 से विश्व धरोहर सूची में भारत के 10 नए स्थान शामिल किये गये हैं जो हमारे ऐसे स्थलों का एक चौथाई हिस्सा है.’’

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