एथलेटिक्स (डिस्क्स थ्रो) : फाइनल में पहुंचने वाली दूसरी भारतीय बनीं कमलप्रीत, सीमा बाहर
टोक्यो । भारत की कमलप्रीत कौर टोक्यो ओलंपिक-2020 की महिला डिस्कस थ्रो इवेंट के फाइनल में पहुंच गई हैं लेकिन सीमा पुनिया को बाहर का रास्ता देखना पड़ा है। कमलप्रीत ओलंपिक डिस्क्स थ्रो इवेंट के फाइनल में पहुंचने वाली दूसरी भारतीय हैं। कमलप्रीत ने शनिवार को क्वालिफिकेशन ग्रुप-बी में अपने तीसरे प्रयास में 64 मीटर का ऑटोमेटिक क्वालीफाईंग मार्क हासिल कर फाइनल का टिकट हासिल किया लेकिन सीमा क्वालिफिकेशन ग्रुप-ए में तमाम प्रयासों के बावजूद 60.57 मीटर के साथ छठा स्थान हासिल कर सकीं।
क्वालीफाईंग ग्रुप-ए में 15 और बी में 16 एथलीट शामिल थीं। इन दोनों ग्रुपों से कुल 12 टॉप एथलीट फाइनल में पहुंचेंगी। जिन्होंने ऑटोमेटिक क्वालीफाई किया है, उनके अलावा श्रेष्ठ दूरी तय करने वाली एथलीट वरीयता क्रम में आ जाएंगी।
ग्रुप-बी से कमलप्रीत के अलावा अमेरिका की वेराले अलामान (66.42) ऑटोमेटिक क्वालीफाईंग मार्क हासिल कर सकीं। मापी गई दूरी के लिबाज से ग्रुप-ए से तीन और ग्रुप-बी से नौ एथलीटों ने फाइनल के लिए क्वालीफाई किया है।
सीमा की अगर बात करें तो उनके लिए शुरूआत अच्छी नहीं हुई थी। सीमा ने सबसे पहले थ्रो किया, लेकिन वह अपने पहले प्रयास में फाउल करार दी गईं। हालांकि दूसरे प्रयास में उन्होंने 60.57 मीटर का थ्रो किया।
अपने तीसरे प्रयास में भी 64 मीटर के क्वालिफिकेशन मार्क को नहीं छू सकीं। उन्होंने 58.93 मीटर का खराब थ्रो किया। सीमा के ग्रुप में सबसे बेहतर थ्रो क्रोएशिया की सेंड्रा पेरकोविच का रहा। पेरकोविच ने 63.75 मीटर का थ्रो लिया।
ग्रुप-बी में शामिल कमलप्रीत ने पहले प्रयास में 60.29 मीटर की दूरी नापी। इसके बाद दूसरे प्रयास में वह 63.97 तक पहुंच गईं। इस दूरी के साथ भी वह फाइनल के लिए क्वालीफाई करती दिख रही थी लेकिन उनकी कोशिश ऑटोमेटिक क्वालीफाईंग मार्क हासिल करना था और तीसरे प्रयास में वह 64 मीटर के साथ वहां पहुंच ही गईं।
कमलप्रीत से पहले साल 2012 के लंदन ओलंपिक में कृष्णा पूनिया ने फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था लेकिन वह पदक तक नहीं पहुंच सकी थीं।
क्वालीफाईंग में जो स्टैंडिंग रही, उसे अगर कमलप्रीत बरकरार रखती हैं तो वह पदक जीत सकती हैं। अगर ऐसा हुआ तो यह भारतीय एथलेटिक्स के लिए महानतम पलों में से एक होगा।