दिल्ली में बना देश का पहला स्मॉग टॉवर
दिल्ली में पिछले एक दशक से पराली का धुआं सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरा है। हवा की गुणवत्ता इस कदर खराब है कि लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। हर कोई यही सवाल कर रहा है कि आखिर दिल्ली में कैसे प्रदूषण कम होगा? कब हमें जहरीले धुएं से निजात मिलेगी? अब इसको लेकर बड़ी कवायद की गई है। दिल्ली में देश का पहला स्मॉग टॉवर बना है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज स्मॉग टॉवर का उद्घाटन किया है। एक किलोमीटर तक की हवा साफ करने में ये स्मॉग टॉवर समक्ष है। इसे दिल्ली के कनॉट प्लेस के पास लगाया गया है। इसके जरिये पॉल्यूशन कम करने की कोशिश की जाएगी। सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में एक बहुत बड़ी डेवलपमेंट होनी जा रही है। पॉल्यूशन से लड़ने के लिए अपनी हवा साफ करने के लिए आज दिल्ली में देश का पहला स्मॉग टॉवर लगाया जा रहा है। ये अपने आप में नई तरह की तकनीक है। आज तक देश में ऐसा टॉवर कभी नहीं लगाया गया। इस तरह से हवा साफ करने का प्रयास कभी नहीं किया गया। केजरीवाल ने कहा कि इस तकनीक को हम लोगों ने अमेरिका से आयात किया है। ये 24 मीटर ऊंचा टॉवर है। ऊपर से आस पास के 1 किलोमीटर की हवा ये साफ करेगा। नीचे से जो पंखे हैं उससे हवा नीचे आकर हवा रिलीज होगी।
कितना प्रभावी है इसका एनालिसिसि होगा
दिल्ली में जो स्मॉग टावर लगाया गया है, वह कितना प्रभावी है इसे लेकर डेटा का एनालिसिस किया जाएगा। आईआईटी दिल्ली और आईआईटी बॉम्बे को इस डेटा के एनालिसिस करने की जिम्मेदारी दी गई है। इससे पता लगेगा कि यह कितना प्रभावी है। अगर यह अधिक प्रभावी रहा तो इसके रिजल्ट के आधार पर ही राजधानी में स्मॉग टावर्स लगाए जा सकते हैं। सीएम केजरीवाल ने कहा है कि यह अपने आप में नई तकनीक है। इस तकनीक को अमेरिका से इम्पोर्ट किया गया है।
बधाई दिल्ली। प्रदूषण के ख़िलाफ़ युद्ध में दिल्ली में देश के पहले स्मॉग टावर की शुरुआत की। अमेरिकी तकनीक से बना ये स्मॉग टावर हवा में प्रदूषण की मात्रा को कम करेगा।
पायलट आधार पर शुरू हुए इस प्रोजेक्ट के नतीजे बेहतर रहे तो पूरी दिल्ली में ऐसे और स्मॉग टावर लगाए जाएंगे।