अफगानिस्तान: पंजशीर में तालिबान के ठिकानों पर हवाई हमला, कई आतंकियों के मारे जाने की खबर

काबुल: अफगानिस्तान में काबुल के पास पंजशीर घाटी पर कब्जे को लेकर तालिबान और नॉर्दन अलायंस रेजिस्टेंस फोर्स के बीच जारी जंग के बीच बड़ी खबर ये है कि पंजशीर में तालिबान के ठिकानों पर हवाई हमला हुआ है । इस हमले में कई आतंकियों की मौत की खबर है ।  इससे पहले ही तालिबान ने अफगानिस्तान के पंजशीर प्रांत पर कब्जे का दावा किया था । गवर्नर हाउस पर झंडा लगाते एक वीडियो भी जारी किया गया था लेकिन 24 घंटे के अंदर तालिबान पर बड़े हमले की खबर है । ताजा जानकारी के मुताबिक पंजशीर घाटी में अब भी जबरदस्त लड़ाई चल रही है । दोनों ओर से जबरदस्त गोलाबारी-फायरिंग हो रही है और इसके साथ ही तालिबान वाले इलाके पर हवाई हमला भी हो रहा है । इस हमले में कौन-कौन नॉर्दर्न अलायंस रेजिस्टेंस फोर्स का साथ दे रहा है, ये फिलहाल स्पष्ट नहीं हुआ है । लेकिन ये साफ हो गया है कि तालिबान जो दावा कर रहा था, उसमें दम नहीं है ।

25 दिनों से चल रही है पंजशीर पर कब्जे की लड़ाई

तालिबान ने किया था कब्जे का दावा
तालिबान ने अपने विरोधियों के नियंत्रण वाले अफगानिस्तान के आखिरी प्रांत पंजशीर को नियंत्रण में लेने का दावा किया था। सुरक्षा कारणों से पहचान गोपनीय रखते हुए चश्मदीदों ने बताया कि हजारों की संख्या में तालिबान लड़ाकों ने पूरी रात कार्रवाई कर पंजशीर के आठ जिलों पर कब्जा कर लिया। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने सोमवार को एक बयान जारी कर पुष्टि की कि पंजशीर अब तालिबान लड़ाकों के नियंत्रण में है। मुजाहिद ने बाद में काबुल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमने बातचीत के जरिये समस्या का समाधान करने की पूरी कोशिश की लेकिन उन्होंने बातचीत करने से इनकार कर दिया जिसके बाद हमने लड़ाकों को भेजा।’’

काबुल हवाई अड्डे से उड़ानों का परिचालन नहीं 
आपको बता दें कि तालिबान विरोधी लड़ाकों का नेतृत्व पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह एवं अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद कर रहे हैं। विशेषज्ञों ने लंबे समय तक तालिबान के खिलाफ मोर्चा कायम रहने पर आशंका जताई थी, जिसे 20 साल तक युद्धग्रस्त देश में अमेरिका की मौजूदगी के आखिरी दिनों में बहुत कम प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। अफगानिस्तान में अब भी अनेक लोग देश छोड़ने की उम्मीद लगाए बैठे हैं लेकिन काबुल हवाई अड्डे से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन नहीं हो रहा है जिससे उनके पास बहुत कम विकल्प बचे हैं। इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि उत्तरी बल्ख प्रांत में सैकड़ों लोगों को ले जाने को तैयार चार विमान कई दिनों से उड़ान नहीं भर पाए हैं। लेकिन इसके कारणों को लेकर विरोधाभासी सूचनाएं आ रही हैं। अमेरिका, अफगानिस्तान में बचे अमेरिकियों और ग्रीनकार्ड धारकों को निकालने के लिए दबाव में है और वादा किया है कि वह तालिबान के नए शासन के साथ काम करेगा लेकिन कोई समयसीमा नहीं दी है।

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