नये कलेवर और तैयारी के साथ RSS को टक्कर देगा सेवादल: यूपी कांग्रेस
कांग्रेस का जमीनी संगठन सेवादल अब जल्द ही नए रंग रूप में नज़र आएगा. सेवादल के कार्यकर्ता अब टीशर्ट-जींस और स्पोर्ट्स टोपी पहने नजर आएंगे. कांग्रेस का दावा है कि नये कलेवर और तैयारी के साथ सेवादल आरएसएस को टक्कर देगा. राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद सेवादल को अब अपने फैसले लेने की आजादी दे दी गई है. कांग्रेस के सेवादल के संगठन को नए ढांचे के तहत मजबूत बनाया जाएगा. सेवादल की ड्रेस बदलने की तैयारी भी की जा रही है.
अब सेवादल सफेद गांधी टोपी की जगह सफेद सनकैप लगाएगा और सफेद टी शर्ट के साथ नीली जींस में सेवादल के सदस्य जनता के बीच कांग्रेस की छवि संवारेंगे. जबकि महिला सदस्यों को खुद अपनी ड्रेस चुनने का मौका दिया गया है. यूपी कांग्रेस सेवादल के मुख्य संयोजक डॉ. प्रमोद पाण्डेय ने बताया कि सेवादल के प्रतिनिधियों को कांग्रेस को मजबूत बनाने की ज़िम्मेदारी तो सौंपी ही गई है. अब सेवादल की सफेद टोपी को आरएसएस की काली टोपी को सीधी टक्कर देने के लिए भी तैयार किया जा रहा है. सेवादल को अब किसी नेता को झुककर सलाम नहीं करना होगा, और ना ही उन्हें किसी नेता के स्वागत के इंतज़ाम में लगाया जाएगा.सेवादल के कामकाज के तरीकों में भी कई परिवर्तन किए जाएंगे. यानि कांग्रेस सेवादल को ज्यादा महत्वपूर्ण काम सौंपकर उसमें नयी ताकत फूंकने को तैयार है.
सेवादल में होंगे ये बदलाव
* युवा ब्रिगेड की ड्रेस में अब सफेद टीशर्ट, नीली जीन्स और स्पोर्ट्स टोपी होगी.
* महिलाओं का ड्रेसकोड भी बदलेगा. नई ड्रेस का फैसला खुद महिलाएं करेंगी.
* तिरंगे के अलावा किसी अन्य झंडे को सलामी नहीं दी जाएगी.
* नेताओ की सुरक्षा और इंतज़ाम देखने की बजाय सेवादल अब नेतृत्व निर्माण और राजनीतिक दिशा देने का काम करेगा.
* सेवा दल का नया स्लोगन होगा- गांव-शहर गली गली अब लड़ेगा सेवादली.
सेवादल का इतिहास
कांग्रेस सेवादल की स्थापना एक जनवरी 1924 को हिंदुस्तानी सेवा दल के नाम से हुई थी. इसे कांग्रेस कार्यसमिति ने 1931 में बदलकर सेवादल कर दिया था. इसके पहले अध्यक्ष पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु थे. सेवा दल की स्थापना का उद्देश्य सामाजिक जीवन में सेवा भाव को बढ़ावा देना था. आज़ादी के दौर में गांधी टोपी सेवा दल की पहचान हुआ करती थी. आजादी के बाद भी कई बड़े नेता सेवा दल से निकले जिन्होंने राजनीति में अपना योगदान दिया. राजीव गांधी सेवा दल के प्रभारी थे और कहा जाता है कि उनके कार्यकाल में सेवा दल को सबसे ज्यादा मजबूती और पहचान मिली.