अमेरिका के पहले अश्वेत विदेश मंत्री कॉलिन पॉवेल का निधन

अमेरिका (America) के पूर्व विदेश मंत्री कॉलिन पॉवेल (Colin Powell) का 84 वर्ष की आयु में कोरोनोवायरस (Coronavirus) बीमारी से संबंधित जटिलताओं के कारण निधन हो गया. पॉवेल के परिवार ने सोमवार को उनके फेसबुक पेज पर निधन की जानकारी दी. परिवार के बयान के अनुसार, पूर्व विदेश मंत्री फुली वैक्सीनेटेड थे. कॉलिन पॉवेल अमेरिका के पहले अश्वेत विदेश मंत्री (First Black US secretary of state) थे. उनके नेतृत्व ने कई रिपब्लिकन प्रशासनों में 20वीं सदी के आखिरी सालों और 21वीं सदी के शुरुआती सालों में अमेरिकी विदेश नीति को आकार देने में मदद की.

पॉवेल के परिवार ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री और ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के पूर्व अध्यक्ष जनरल कॉलिन एल पॉवेल का आज सुबह कोविड-19 की जटिलताओं के कारण निधन हो गया.’ उन्होंने कहा, ‘हमने एक प्यार करने वाले पति, पिता, दादा और एक महान अमेरिकी खो दिया है.’ कॉलिन पॉवेल को बुश प्रशासन के तहत अमेरिकी विदेश मंत्री बनाया गया. 2000 में पॉवेल की नियुक्ति की घोषणा करते हुए, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश (George W. Bush) ने एक सैनिक के रूप में उनके कर्तव्य और सम्मान की भावना के लिए उनकी सराहना की.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का भी पद संभाला

फोर स्टार जनरल ने दशकों से रिपब्लिकन राष्ट्रपति प्रशासन की विदेश नीति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने 1987 से 1989 तक पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन (Ronald Reagan) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और 1989 से पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज एचडब्ल्यू बुश के तहत संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. जब 2001 में उन्हें अमेरिका का विदेश मंत्री बनाया गया, तो वह इस पद को संभालने वाले अमेरिकी इतिहास के पहले अश्वेत व्यक्ति थे. उस सयम पर वह अमेरिकी इतिहास में सर्वोच्च रैंकिंग वाले अश्वेत अमेरिकी अधिकारी भी बने.

इराक युद्ध करवाने में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

इराक युद्ध के समय इसका समर्थन के लिए पॉवेल ने बड़ी भूमिका निभाई थी. उन्होंने दावा कर दिया था कि इराक के पास सामूहिक विनाश के हथियार मौजूद हैं. फरवरी 2003 में विदेश मंत्री के रूप में पॉवेल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सामने पेश हुए और दावा किया कि तत्कालीन इराकी नेता सद्दाम हुसैन के पास जैविक हथियार थे और इराक परमाणु हथियार विकसित कर रहा था. उन्होंने कहा कि उनकी खुफिया जानकारी अज्ञात इराकी दलबदलुओं पर आधारित थी. संयुक्त राष्ट्र ने इसके बाद हमले का मंजूरी दी थी. वहीं, अगले साल CIA के अपने इराक स्टडी ग्रुप ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें कहा गया कि सद्दाम ने एक दशक पहले देश के सामूहिक विनाश के हथियारों को नष्ट कर दिया था.

Related Articles

Back to top button

Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/tarunrat/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427

Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/tarunrat/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427