नगर निगम चुनाव में AAP ने मारी बाजी, नौ सीटों पर जमाया कब्जा
चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव (Chandigarh Municipal Corporation Election) के परिणामों की घोषणा आज की जाएगी. नगर निगम चुनाव के लिए शुक्रवार को वोटिंग हुई थी. इसके लिए कुल 60 फीसदी वोटर्स से अपना वोट दिया था. अगले साल पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव को बहुत खास समझा जा रहा है. कहा जा रहा है कि इन चुनावों से कुछ हद तक पजांब चुनाव में क्या समीकरण रह सकते हैं, इसको लेकर स्थिति साफ हो सकती है. वहीं, चंडीगढ़ के पूर्व बीजेपी मेयर देवेश मोदगिल वार्ड नंबर-23 में AAP के जसबीर सिंह से 939 वोटों से हार गए हैं.
अभी तक सामने आए 26 सीटों के रुझानों से पता चलता है कि AAP-11, कांग्रेस 6, बीजेपी 8, अकाली दल 1 सीट पर आगे चल रही है. वोटो की गिनती अभी जारी है. अब तक 21 सीटों के नतीजे आ चुके हैं. जिनमें से बीजेपी ने 6, कांग्रेस ने 5 और आम आदमी पार्टी ने 9 सीटों पर जीत दर्ज की है. अकाली दल को एक सीट पर जीत मिली है. इस बार के नतीजे सभी को चौंका रहे हैं. क्योंकि आम आदमी पार्टी भी दोनों राष्ट्रीय पार्टियों को टक्कर दे रही है. बता दें कि अपनी पार्टी का मेयर बनाने के लिए कुल 18 पार्षद की जरूरत होती है.
बीजेपी अध्यक्ष नहीं बचा पाए अपना वार्ड
वहीं, चंडीगढ़ में भारतीय जनता पार्टी को आम आदमी पार्टी ने दिया बड़ा झटका दिया है. आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार ने चंडीगढ़ के बीजेपी पार्टी के मेयर को हराया है. वार्ड नंबर 17 से 828 वोटों से आम आदमी पार्टी के दमनप्रीत ने मेयर रविकांत को हराया है. चंडीगढ़ बीजेपी अध्यक्ष अपना वार्ड भी नहीं बचा पाए. अध्यक्ष अरुण सूद के वार्ड से आम आदमी पार्टी चुनाव जीती. इस बार सूद ने यहां से खुद चुनाव ना लड़कर युवा मोर्चा के अध्यक्ष विजय राणा को उम्मीदवार बनवाया था.
बीजेपी के एक और पूर्व मेयर को मिली हार
वहीं, चंडीगढ़ में बीजेपी को एक और बड़ा झटका लगा है. नगर निगम चुनाव में एक और पूर्व मेयर चुनाव हार गए हैं. बीजेपी के पूर्व मेयर राजेश कालिया बुरी तरह से हार गए हैं. वार्ड नंबर 26 में आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार ने जीत हासिल की है. उन्होंने कांग्रेस के जतिंदर कुमार को 1440 वोटों से हराया है. अब तक बीजेपी के दो पूर्व मेयर और वर्तमान मेयर रविकांत भी अपनी सीट गंवा चुके हैं. वार्ड नंबर 10 से कांग्रेस उम्मीदवार हरप्रीत कौर बाबला जीतीं हैं. उन्होंने बीजेपी को की राशि भसीन को 3103 वोटों से हराया है. यह अब तक की सबसे बड़ी जीत है. इस चुनाव में इतने बड़े अंतर से अब तक किसी भी प्रत्याशी ने जीत हासिल नहीं की है.
अभी तक इन उम्मीदवारों को मिली जीत
वार्ड-1 से आम आदमी पार्टी के जसविंदर कौर, वार्ड-5 से कांग्रेस दर्शना देवी, वार्ड-9 से बीजेपी की विमला दुबे, वार्ड-13 से कांग्रेस के सचिन गालव और वार्ड-17 से आम आदमी पार्टी दमनप्रीत सिंह को जीत मिली है. वहीं, वार्ड-21 से आम आदमी पार्टी जसबीर सिंह , वार्ड-25 से आम आदमी पार्टी योगेश ढींगरा, वार्ड-33 बीजेपी के कंवरजीत सिंह और वार्ड-15 से आम आदमी पार्टी के रामचंद्र यादव को जीत मिली है.
वार्ड नंबर-13 से हारी AAP
जानकारी के मुताबिक, चंडीगढ़ नगर निगम चुनावों में पहली बार मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी ने वार्ड नंबर-1 से जीत दर्ज की है. जबकि वहीं, दूसरी ओर वार्ड नंबर-13 से APP को कांग्रेस से मुंह की खानी पड़ी है. कांग्रेस (Congress) के चंडीगढ़ सचिव गालव ने आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के चंडीगढ़ के सह-प्रभारी चंद्रमुखी शर्मा को वार्ड नंबर-13 से हरा दिया है. आम आदमी पार्टी इस सीट से अपनी जीत पक्की मानकर चल रही थी. लेकिन कांग्रेस के सचिन गालव ने AAP को निराश कर दिया है. उन्होंने आम आदमी पार्टी के चंद्रमुखी शर्मा को 285 वोटों से हराया है.
AAP और BJP में कड़ी टक्कर
इतना ही नहीं, चुनाव जीतने के बाद सचिन गालव को सर्टिफिकेट भी प्राप्त हो गया है. इस बीच, भारतीय जनता पार्टी को आम आदमी पार्टी ने बड़ा झटका दिया है. AAP के उम्मीदवार ने चंडीगढ़ के बीजेपी पार्टी के मेयर को हरा दिया है. लेटेस्ट अपडेट के मुताबिक, वार्ड नंबर-17 से आम आदमी पार्टी के दमनप्रीत सिंह ने मेयर रविकांत शर्मा (BJP) को 828 वोटों से हरा दिया. वहीं, पूर्व मेयर देवेश मोदगिल भी आप के जसवीर सिंह से करीब 500 वोटों से पीछे हैं. जबकि भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विजय राणा आम आदमी पार्टी के योगेश ढींगरा से हार चुके हैं.
ऐसा रहा है पिछले चुनाव का हाल
बता दें कि चंडीगढ़ में शुक्रवार को हुए चुनाव में 60 फीसदी से ज्यादा मतदान दर्ज किया गया. वार्डों की संख्या 2016 में 26 से बढ़कर अब 35 हो गई है. परंपरागत रूप से, हर पांच साल में होने वाले नगरपालिका चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलती है, लेकिन आम आदमी पार्टी के आ जाने से इस बार मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.
मौजूदा नगर निकाय में बीजेपी के पास बहुमत है. पिछले नगरपालिका चुनावों में, बीजेपी ने 20 सीटें जीती थी और इसकी भूतपूर्व सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के हिस्से एक सीट आई थी. कांग्रेस के हाथ बस चार सीटें आई थी.बीजेपी ने पिछले पांच वर्षों की अपनी उपलब्धियों के सहारे चुनाव लड़ा है जबकि, कांग्रेस और आप ने विकास कार्य करने में कथित तौर पर विफल रहने के लिए भाजपा पर निशाना साधा और ‘स्वच्छ सर्वेक्षण’ (स्वच्छता के लिए एक रैंकिंग) रैंकिंग में शहर के नीचे जाने पर उसकी आलोचना की. दोनों दलों ने बीजेपी को दादुमाजरा कूड़ा भंडारण स्थल की समस्या न सुलझाने और आवश्यक सामग्रियों की कीमतें बढ़ने को लेकर भी घेरा है.