तीसरे विश्व युद्ध की आहट? यूक्रेन में घुसी रूसी सेना
मॉस्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश पर रूसी सेना यूक्रेन के दो प्रांतों लुहांस्क-डोनेट्स्क (डोनबॉस इलाके) में घुस गई है जहां उसका सैन्य अड्डा बनाकर लंबे समय तक बने रहने का इरादा है। बता दें कि पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी इलाके लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक और डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिकको स्वतंत्र और संप्रभु राज्यों के रूप में मान्यता दे दी है। पुतिन ने 13 घंटे (भारतीय समय के अनुसार देर रात 3 बजे) पहले यूक्रेन के इन दोनों राज्यों को स्वतंत्र देश घोषित किया था। इसके बाद रूसी सेना के टैंक इन इलाकों की तरफ बढ़ गए। पुतिन ने कहा कि लुहांस्क-डोनेट्स्क और अलगाववादियों के कब्जे वाले इलाके में शांति बनाए रखने के लिए ऐसा करना जरूरी है।
इसी बीच ब्रिटेन ने यूक्रेन में रूस की घुसपैठ की पुष्टि की है। ब्रिटिश स्वास्थ्य सचिव साजिद जाविद ने कहा, ”यूक्रेन में रूसी आक्रमण शुरू हो गया है।” उधर, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि हम रूस के इस कदम से डरते नहीं हैं। हमने किसी से न तो कुछ लिया है और न ही किसी को कुछ देंगे। जेलेंस्की ने कहा कि रूस की घोषणाओं और खतरों के बावजूद यूक्रेन की अंतरराष्ट्रीय सीमाएं वैसे ही बनी रहेंगीं, जैसे पहले थीं।रूस के इस कदम पर अमेरिका और पश्चिमी देश भड़क उठे हैं। संयुक्त राष्ट्र ने भी रूस के कदम की निंदा की है। यूक्रेन संकट से क्या दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ रही है। वहीं, आपको बता दें कि यूक्रेन के दो प्रांतों को स्वतंत्र घोषित करने वाले पुतिन के कदम के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई।
रूस ने यूक्रेन में विद्रोहियों के क्षेत्रों पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए मंगलवार को तेजी से कदम बढ़ाया। दरअसल, मास्को ने एक विधेयक के जरिये उनकी स्वतंत्रता को मान्यता दे कर वहां सैनिकों की तैनाती का मार्ग प्रशस्त कर दिया है, जिससे पश्चिमी देशों के लिए एक चुनौती पैदा हो गई है। पश्चिमी देश, रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा करने की तैयारी कर रहे हैं। नये रूसी विधेयकों पर क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति कार्यालय) नियंत्रित संसद द्वारा शीघ्रता से मुहर लगाये जाने की संभावना है।
ये विधेयक रूसी सैनिकों को यू्क्रेन के कहीं अधिक अंदर तक घुसने का मंच तैयार कर सकते हैं, जैसा कि अमेरिका और इसके सहयोगी देशों को अंदेशा है। बख्तरबंद वाहनों के काफिले को अलगाववादियों के कब्जे वाले क्षेत्रों से गुजरते देखा गया है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वे रूसी ही थे। विद्रोहियों के क्षेत्रों को मान्यता देने के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का सोमवार का फैसला अलगाववादियों के करीब आठ साल के संघर्ष के बाद आया है, जिसमें 14,000 से अधिक लोग मारे गये और यूक्रेन का पूर्वी औद्योगिक क्षेत्र दोनबास तबाह हो गया।
यू्क्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर जेलेंस्की ने संयम दिखाते हुए कहा, ‘‘हम किसी से या किसी चीज से नहीं डर रहे हैं। हमने किसी का कुछ नहीं लिया है। और हम किसी को कुछ नहीं देंगे।’’ इस बीच, अमेरिका ने त्वरित प्रतिक्रिया करते हुए अलगाववादियों के क्षेत्र में अमेरिकी निवेश एवं व्यापार पर रोक लगा दी है। ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के देशों ने भी संकेत दिया है कि वे भी प्रतिबंधों की घोषणा करने की योजना बना रहे हैं।