मैं पंक्ति के आखिर में खड़े शख्स के साथ हूं, मैं कांग्रेस हूं: राहुल गांधी
नई दिल्ली : कांग्रेस को कथित तौर पर मुस्लिमों की पार्टी कहे जाने पर बीजेपी की ओर से किए जा रहे हमले पर राहुल गांधी ने अपना पक्ष रखा है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि कांग्रेस पार्टी एक ऐसी पार्टी है जो शोषितों के साथ खड़ी रहती है. इस पार्टी का धर्म-जाति से कोई मतलब नहीं है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया है, ‘मैं पंक्ति के आखिर में खड़े शख्स के साथ हूं. शोषित, हाशिये पर खड़े और सताए लोगों के साथ हूं. धर्म, उनकी जाति, आस्था मेरे लिए खास मायने नहीं रखती. जिन्हें भी परेशानी है, दुख है, मैं उन्हें गले लगाना चाहता हूं. मैं नफरत और भय को मिटाना चाहता हूं. मुझे सभी से प्यार है. मैं कांग्रेस हूं.’ मालूम हो कि हाल ही में एक उर्दू दैनिक ने दावा किया था कि गांधी ने मुस्लिम समाज के बुद्धिजीवियों के साथ बैठक में कहा था कि ‘कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है.’ कांग्रेस ने इस खबर को ‘कोरी अफवाह’ करार दिया है और दावा किया है कि असल मुद्दों और ‘नरेंद्र मोदी सरकार की विफलताओं’ से ध्यान भटकाने के लिए अफवाहें फैलाई जा रही हैं.राहुल गांधी के इस बयान पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता जेवीएल नरसिम्हा ने कहा, ‘एक ‘मुस्लिम’ पार्टी के तौर पर आप तीन तलाक पर मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ गलती कर रहे हैं.’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बीजेपी को खुली चुनौती दी कि वह साबित करके दिखाये कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने दल को “मुस्लिम पार्टी” कहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा इस मामले में देश के लोगों को गुमराह करने के लिये झूठ फैला रही है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के चुनाव समन्वय समिति के प्रमुख दिग्विजय ने यहां संवाददाताओं से कहा, “यह सरासर झूठ है कि राहुल ने कांग्रेस को मुसलमानों की पार्टी कहा है. भाजपा केवल झूठ फैलाकर देश के लोगों को गुमराह करती है.”
उन्होंने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा, “हमें इसका प्रमाण तो बता दीजिये कि राहुल ने कांग्रेस को मुस्लिम पार्टी कहा है.” मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके दिग्विजय ने कहा, “कांग्रेस भारत की पार्टी है जिसने देश को आजादी दिलायी थी. यह हिंदुओं, मुसलमानों, सिखों और ईसाइयों की पार्टी है. कौन कहता है कि यह एक समूह विशेष की पार्टी है.”
कांग्रेस नेता ने पीएम नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि इस सरकार के मंत्रियों के पास अपने विभाग के बारे में बात करने की फुर्सत नहीं है. लेकिन वे अन्य विषयों पर मीडिया को सम्बोधित करने में खूब दिलचस्पी लेते हैं.