राज ठाकरे की बढ़ेंगी मुश्किलें?कार्रवाई की तैयारी में औरंगाबाद पुलिस
मुंबई: महाराष्ट्र के पुलिस प्रमुख रजनीश सेठ ने मंगलवार को कहा कि औरंगाबाद के पुलिस आयुक्त कथित विवादित भाषण को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करेंगे. रजनीश सेठ ने पत्रकारों से कहा, ‘औरंगाबाद के पुलिस आयुक्त भाषण की जांच कर रहे हैं. वह आवश्यक कानूनी कार्रवाई करेंगे.’ राज ठाकरे ने दो दिन पहले औरंगाबाद में एक रैली में 4 मई से मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर को बंद करने का आह्वान किया था. महाराष्ट्र डीजीपी ने मंगलवार को राज्य के गृह मंत्री दिलीप वाल्से पाटिल से मुलाकात की और दोनों ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की.
गौरतलब है कि राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र के औरंगाबाद में एक रैली में राज ठाकरे ने कहा था कि वह मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए 3 मई की समयसीमा पर अडिग हैं और अगर ऐसा नहीं किया गया तो सभी हिंदुओं को इन धार्मिक स्थलों के बाहर हनुमान चालीसा बजानी चाहिए. महाराष्ट्र के डीजीपी रजनीश सेठ ने कहा, ‘महाराष्ट्र पुलिस कानून-व्यवस्था से जुड़ी किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम है. राज्य में एसआरपीएफ (राज्य रिजर्व पुलिस बल) और होमगार्ड तैनात किए गए हैं. मैं सभी से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं.’
इधर 2008 के एक मामले में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के सिर पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. राज ठाकरे के खिलाफ शिराला की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने गत 6 अप्रैल को 2008 के एक मामले के संबंध में आईपीसी की धारा 143, 109, 117, 7 और बॉम्बे पुलिस अधिनियम के 135 के तहत गैर-जमानती वारंट जारी किया था. मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मुंबई पुलिस आयुक्त को इस पर कार्रवाई करते हुए मनसे प्रमुख राज ठाकरे की गिरफ्तारी का आदेश दिया था. हालांकि, मुंबई पुलिस ने अभी तक कोर्ट के इस फैसले पर अमल नहीं किया है. शिराला की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मुंबई पुलिस से पूछा है कि 6 अप्रैल को वारंट जारी होने के बाद भी राज ठाकरे के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई.
क्या है राज ठाकरे के खिलाफ गैर जमानती वारंट का पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक मनसे कार्यकर्ताओं ने 2008 में परली में राज्य परिवहन निगम (एसटीसी) की बसों पर पथराव किया था. वर्ष 2008 में रेलवे में प्रांतीय युवाओं की भर्ती के मामले में राज ठाकरे को गिरफ्तार किया गया था. इस गिरफ्तारी के खिलाफ मनसे कार्यकर्ताओं ने राज्य में कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया था और अंबाजोगई में एसटीसी बस को भी निशाना बनाया था. इसी मामले में दर्ज एफआईआर को लेकर राज ठाकरे को कोर्ट में पेश होने का नोटिस मिलता रहा, लेकिन वह एक बार भी उपस्थित नहीं हुए. जमानत लेकर कोर्ट की तारीखों में लगातार अनुपस्थित होने के पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है.