न्यूक्लियर पावर बनने की कोशिश में जुटे ईरान को रोकने की जरूरत है-जो बाइडेन
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि ईरान के खिलाफ सेना का इस्तेमाल करने का विकल्प खुला हुआ है। उन्होंने कहा कि ईरान यदि न्यूक्लियर हथियारों की जिद छोड़ने को राजी नहीं होता है तो फिर आखिरी विकल्प के तौर पर सेना का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। बुधवार को इजरायल और सऊदी अरब की यात्रा से पहले जो बाइडेन ने एक टीवी इंटरव्यू में यह बात कही। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिकी की ओर से ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड को वह आतंकी संगठनों की सूची में बरकरार रखेंगे। उन्होंने कहा कि न्यूक्लियर पावर बनने की कोशिश में जुटे ईरान को रोकने की जरूरत है।
जो बाइडेन बुधवार को इजरायल पहुंच गए हैं। इसके बाद वह सऊदी अरब भी जाएंगे, जहां वह खाड़ी देशों की एक समिट में हिस्सा लेंगे। उन्होंने अपने पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने ईरान के साथ डील को तोड़कर गलती की थी। आज वह पहले से खतरनाक देश के तौर पर हमारे सामने है। उन्होंने कहा कि ईरान अब न्यूक्लियर हथियार हासिल करने की रेस में पहले से ज्यादा आगे निकल चुका है। यह हमारे लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए ही एक बड़े संकट की तरह है, जिससे निपटना जरूरी होगा।
जो बाइडेन के एक ही राउंड में इजरायल से लेकर सऊदी अरब तक जाने को कट्टर प्रतिद्वंद्वी देशों को करीब लाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि बीते कुछ सालों में यूएई, बहरीन, सऊदी अरब समेत कई देशों से इजरायल के रिश्ते बेहतर हुए हैं। जो बाइडेन ने कहा कि मैं तो मध्य पूर्व में हालात बेहतर करना चाहता हूं। यहां स्थिरता और शांति के लिए ही प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह अमेरिका के भी हित में होगा कि यहां शांति बनी रहे। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि अमेरिकी मिडल ईस्ट से दूर हो जाएगा तो चीन और रूस के लिए जगह बन जाएगी, वे गलत साबित होंगे। हम ऐसा कुछ भी मौका नहीं देने वाले। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सऊदी अरब और इजरायल के रिश्ते सामान्य होने में अभी और वक्त लगेगा। हालांकि उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि दोनों ही देशों ने एक-दूसरे के स्टैंड को स्वीकार करते हुए कुछ मुद्दों पर बातचीत शुरू की है।