2017 में जैसे भाजपा ने सत्ता छीनी, वैसे ही 2022 में राजद ने सरकार झटकी
राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है। जिससे सौ जन्म में भी नहीं मिलने की कसम खाई हो, उसके साथ ही हाथ मिला लिया जाता है। यह कहावत आज बिहार में सही साबित हुई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर पलटी मार दी है। इस बार उन्होंने बीजेपी का साथ छोड़ दिया है और आरजेडी से हाथ मिला लिया है। आज से पांच साल पहले उन्होंने आरजेडी से हाथ छुड़ा लिया था और बीजेपी का दामन थाम लिया था। हालांकि 2015 विधानसभा चुनाव में जनता ने जनादेश महागठबंधन के पक्ष में दिया था लेकिन तेजस्वी यादव पर करप्शन के आरोप लगने के बाद नीतीश कुमार ने सरकार से इस्तीफा देकर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी।
इस दौरान तेजस्वी यादव ने कहा था कि नीतीश कुमार ने जनाधार की हत्या की है। वैसा ही कुछ अब बीजेपी नीतीश कुमार के लिए कह रही है। इसके साथ ही तेजस्वी यादव को भी बीजेपी से हिसाब-किताब चुकता करने का मौका मिल गया। जिस तरह बीजेपी ने 2017 में उनसे सत्ता छीनी थी, तेजस्वी ने 2022 में उसका बदला बीजेपी से ले लिया है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक नीतीश कुमार के महागठबंधन बुधवार शाम चार बजे शपथ लेगी।
गौरतलब है कि बिहार की राजधानी पटना में कल से ही खलबली थी क्योंकि नीतीश ने अपने सभी सांसदों-विधायकों को आज पटना में आने को कह रखा था, मीटिंग रखी थी और उधर आरजेडी ने भी विधायकों की बैठक रखी थी। पिछले 24 घंटों की खलबली का नतीजा ये हुआ कि नीतीश कुमार ने ये ऐलान कर दिया कि अब सरकार बीजेपी के साथ नहीं चलाएंगे। अगली सरकार आरजेडी के साथ जाएगी।