क्रिकेट की पिच से सियासत के सफ़र तक लालू के ‘लाल’ का कमाल
बिहार में नीतीश कुमार ने बीजेपी का दामन छोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेतृत्व वाले महागठबंधन के साथ फिर से सरकार बना लिया है. बुधवार को नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने जहां आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली वहीं, आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav) के बेटे तेजस्वी यादव ने दूसरी बार उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है. शपथ ग्रहण के बाद तेजस्वी ने सीएम नीतीश कुमार के पांव छूकर उनका आशीर्वाद लिया. बता दें कि वर्ष 2015 में जब नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे तब तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी दी गई थी.
32 वर्षीय तेजस्वी यादव की प्रारंभिक शिक्षा पटना से हुई है. इसके बाद वो आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली आ गए. यहां उन्होंने क्रिकेट में भी अपने हाथ दिखाए. वर्ष 2008 में वो आईपीएल की टीम दिल्ली डेयरडेविल्स का हिस्सा बने. हालांकि, उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला. इसके बाद तेजस्वी ने वर्ष 2010 में राजनीति में कदम रखा. तेजस्वी यादव ने पांच साल तक बिहार में पिता लालू यादव के लिए चुनाव प्रचार किया.उनका राजनीतिक सफर आगे बढ़ा और वर्ष 2015 में तेजस्वी यादव ने पहली बार चुनाव लड़े. वैशाली जिले की राघोपुर विधानसभा सीट से तेजस्वी ने 22 हजार वोट से जीत हासिल की. इसके बाद जब बिहार में आरजेडी-जेडीयू-कांग्रेस की सरकार बनी तो उन्हें डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी दी गई. वर्ष 2017 में नीतीश कुमार गठबंधन तोड़ कर एक बार फिर बीजेपी के साथ चले गए तो तेजस्वी यादव को बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष की जिम्मेदारी मिली. मगर अब एक बार फिर वो महागठबंधन की सरकार में उपमुख्यमंत्री बने हैं.लालू यादव के जेल में रहने के कारण अक्टूबर-नवंबर 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी के चुनाव की कमान तेजस्वी यादव ने संभाली. तेजस्वी ने पिता की अनुपस्थिति में नेतृत्व करते हुए अपनी पार्टी और गठबंधन के दलों के लिए जबरदस्त चुनाव प्रचार किया. उनकी सभाओं में युवाओं की भारी भीड़ उमड़ती थी. इसकी वजह थी कि तेजस्वी ने चुनाव बाद बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने पर सबसे पहले प्रदेश के युवाओं को 10 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा किया. यह इतनी बड़ी बात थी कि बेरोगजारी से जूझ रहे बिहार के युवा ने खुद को तेजस्वी से कनेक्ट कर लिया.