मुकुल रॉय का ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप, 1200 करोड़ की मालकिन हैं ‘दीदी’
कोलकाता: कुछ महीने पहले ही तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुए मुकुल रॉय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कभी ममता की करीबी रहे मुकुल ने उनके पास अकूत संपत्ति होने का आरोप लगाया है. मुकुल रॉय ने आरोप लगाया है कि ममता बनर्जी ईमानादरी की प्रतीक बनती हैं, लेकिन उनके पास 1200 करोड़ रुपए की संपत्ति है. उन्होंने आरोप लगाया कि दो दिन पहले ममता बनर्जी के परिवार का एक निजी कार्यक्रम था, जिसमें मेहमानों को बुलाने के लिए भेजे गए एक निमंत्रण पत्र की कीमत 400 रुपए थी.
बीजेपी नेता यहीं नहीं रुके, उन्होंने पश्चिम बंगाल के IAS और IPS अधिकारियों से कहा कि वे ईमानदारी से काम करना शुरू कर दें. उन्होंने कहा, ‘राज्य के IAS और IPS अफसर ईमानदारी से काम करना शुरू कर दें. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का राज अब केवल तीन साल बचा है, आप लोगों को और भी नाकरी करनी है.’मुकुल रॉय ने कहा कि नवंबर के महीने से लोकसभा निर्वाचन के लिए मॉनिटरिंग शुरू होगी. बंगाल में जो कुछ भी चल रहा है उसका बीजेपी विरोध भी करना जानती है और बदला लेना भी. बीजेपी ऐसे चलने नहीं देगी. दीदी ने घोड़े ख़रीदे हैं, लेकिन थोड़ा देख के खरीदिये दीदी वरना मारी जाएंगी. आपने बहुत घोड़े खरीदे हैं, मगर अंत में उस शिव घोड़े से कुछ नहीं होगा. बीजेपी ने जहां-जहां सभा की है, तृणमूल भी वहीं सभा कर रही है और आज जहां सभा हमने की है वहीं देखना अब तृणमूल भी सभा करेगी.मुकुल रॉय ने तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह पश्चिम बंगाल में बदलाव लाने में नाकाम रही है. रॉय ने लोगों से अपील की कि वे बीजेपी में शामिल हों. बता दें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पूर्व करीबी सहायक रॉय दिल्ली में पिछले सप्ताह बीजेपी में शामिल हुए थे. उन्होंने पार्टी के राज्य कार्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘जिस बदलाव के लिये हम लड़े वह हासिल नहीं हुआ है. लेकिन लोग बदलाव चाहते हैं और बीजेपी विकल्प है.’ मुकुल रॉय ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में काम करने का मौका मिला है. मुकुल रॉय ने कहा कि मेरा पूरा विश्वास है कि बीजेपी के समर्थन के बिना तृणमूल कांग्रेस बंगाल में सत्ता में नहीं पहुंच सकती थी. 1998 में वह बीजेपी के साथ मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ी, 1999 में तृणमूल राजग की सहयोगी बनकर चुनाव लड़ी और ममता जी वाजपेयी सरकार में मंत्री भी बनी. उन्होंने कहा कि बीजेपी साम्प्रदायिक नहीं बल्कि धर्मनिरपेक्ष ताकत है और आने वाले समय में वह बंगाल में सत्ता में आयेगी.