अहमदाबाद : आसाराम के न्यास की 16 संपत्तियों को ध्वस्त करने पर जल्द होगा फैसला
अहमदाबाद : रेप के आरोप में जोधपुर जेल में कैद आसाराम के न्यास की 16 संपत्तियों पर ध्वस्त होने की कार्रवाई का खतरा मंडरा है. क्योंकि गुजरात के राजस्व विभाग ने कहा है कि वे गैर कृषि उपयोग के लिए भूमि को परिवर्तित किए बिना ही बनाए गए थे.
इस महीने के शुरू में जारी राजस्व विभाग के आदेश के बाद अहमदाबाद नगर निगम ने उसे ‘प्रभाव शुल्क’ देकर इन संपत्तियों को नियमित करने के लिए न्यास को दी गई सशर्त सहमति को सोमवार को निरस्त कर दिया और इनको तोड़ने पर फैसला जल्द किया जाएगा. एएमसी के अधिकारियों ने कहा कि वह 12 रिहायशी और चार व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की किस्मत का फैसला जल्द करेंगे. इन का निर्माण आसाराम के न्यास ने कराया था.
बता दें कि आसाराम को नाबालिग से रेप के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने कहा कि वो जब तक जिंदा है तब तक उन्हें जेल में ही रहना होगा. अपने खिलाफ ये कड़ा फैसला सुनते ही आसाराम सिर पकड़कर रोने लगा. ये भी बताया जा रहा है कि आसाराम के कई आश्रमों पर भी ताला लगा दिया गया है. वहीं आसाराम की प्रवक्ता नीलम दुबे ने बताया था कि वे इस फैसले के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट जाएंगे.जोधपुर सेंट्रल जेल में बनी एससी/एसटी विशेष अदालत ने नाबालिग से बलात्कार के मामले में आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई. वहीं, अन्य दोषी शिल्पी और शरदचंद्र को 20-20 साल की सजा सुनाई गई. जोधपुर सेंट्रल जेल के अंदर बनी विशेष कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा ने अपना अहम फैसला सुनाया. आसाराम को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और यौन अपराध बाल संरक्षण अधिनियम (पोस्को) के तहत दोषी ठहराया गया है.