आज से ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का हुआ आगाज, गृह मंत्री अमित शाह ने पत्नी के साथ फहराया राष्ट्रीय ध्वज
नई दिल्लीः भारत की स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने के अवसर पर आज से हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत हो गई. यह अभियान 13 से 15 अगस्त तक के लिए है, जिसके तहत मोदी सरकार ने देश के सभी नागरिकों से अपने घरों, प्रतिष्ठानों, संस्थानों इत्यादि पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराने का अनुरोध किया है.
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार सुबह पत्नी सोनल शाह के साथ अपने आधिकारिक आवास पर तिरंगा फहराया. इसके अलावा अन्य केंद्रीय मंत्री, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक तिरंगा यात्रा, प्रभात फेरी जैसे कार्यक्रमों में शामिल हुए. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कर्नाटक के हरोहल्ली में हर घर तिरंगा अभियान में शामिल हुए.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देशवासियों से अपील की थी कि वे भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत 13 से 15 अगस्त तक अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की प्रोफाइल पिक्चर में राष्ट्रीय ध्वज की तस्वीर लगाएं. उनकी इस अपील को मानते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी शनिवार को अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल्स की प्रोफाइल पिक्चर में तिरंगे की फोटो लगाई.चूंकि देशभर में हर घर तिरंगा अभियान के तहत लोग राष्ट्रीय ध्वज फहरा रहे हैं, ऐसे में तिरंगे के उपयोग और फहराने को लेकर कुछ नियम हैं, जिन्हें जानना जरूरी है. तिरंगे का उपयोग और प्रदर्शन ‘राष्ट्रीय गौरव का अपमान निवारण अधिनियम 1971’ और ‘भारतीय ध्वज संहिता 2002’ के द्वारा नियंत्रित होता है. भारतीय ध्वज संहिता को 26 जनवरी, 2002 को संशोधित किया गया था और नागरिकों को न केवल राष्ट्रीय दिवसों पर बल्कि किसी भी दिन अपने घरों, कार्यालयों और कारखानों पर तिरंगा फहराने की अनुमति दी गई थी. नागरिकों को कानून के आधार पर राष्ट्रीय ध्वज को कैसे फहराना है, इसके बारे में नियमों और विनियमों का पालन करना होगा.
तिरंगे के उपयोग में क्या ध्यान रखना चाहिए?
ध्वज को सम्मान देते हुए रखा जाना चाहिए. जब किसी अन्य झंडे के साथ फहरा रहे हों, तो यह ध्यान रखना चाहिए कि तिरंगा सबसे ऊपर हो. झंडे को फहराते हुए केसरिया रंग हमेशा ऊपर रखना चाहिए. वर्टिकली फहराने पर केसरिया रंग झंडे के संदर्भ में दाहिनी तरफ होनी चाहिए. किसी भी सूरत में प्लास्टिक के बने तिरंगे का उपयोग न करें.
तिरंगे के उपयोग में क्या नहीं करना चाहिए?
फटे हुए तिरंगे को कभी नहीं फहराया जाना चाहिए. राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी भी पोशाक या वर्दी या किसी पहनावे के रूप में नहीं किया जाना चाहिए. राष्ट्रीय ध्वज को जमीन पर नहीं रखना चाहिए और इसे फहराते समय भी जमीन को स्पर्श नहीं करना चाहिए. तिरंगे का उपयोग कोई वस्तु या किसी चीज को लपेटने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
तिरंगे का शेप कैसा होना चाहिए?
झंडा हमेशा आयताकार होना चाहिए. लंबाई और ऊंचाई का अनुपात 3ः2 होना चाहिए.
तिरंगे का साइज क्या होना चाहिए?
झंडा किसी भी आकार का हो सकता है, जब तक वह 3ः2 के अनुपात में है.
तिरंगे का मैटेरियल क्या होना चाहिए?
पहले हाथ से से बुने हुए ऊन, कपास, रेशम, खादी इत्यादि मैटेरियल से बना तिरंगा ही उपयोग होता था. 20 दिसंबर 2021 को एक आदेश के माध्यम से ध्वज संहिता में संशोधन किया गया था. अब पॉलिस्टर से बने मशीन से बुने हुए तिरंगों के उपयोग की अनुमति भी है.
राष्ट्रीय ध्वज कौन फहरा सकता है?
तिरंगा फहराने पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है. यह आम लोगों, निजी संस्थान, शैक्षणिक संस्थान या अन्य के द्वारा फहराया जा सकता है. तिरंगे का सम्मान करते हुए इसे किसी भी दिन, किसी भी समारोह में फहराया जा सकता है.
तिरंगा कब तक फहराया जा सकता है?
पहले यह अनिवार्य था कि यदि झंडा खुले में फहराया जाता है, तो उसे सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जाना चाहिए. हालांकि, जुलाई 2022 में राष्ट्रीय ध्वज संहिता में संशोधन किया गया ताकि लोग दिन रात अपने घरों, कार्यालयों, प्रतिष्ठानों इत्यादि पर तिरंगा लगा सकें.
तिरंगा गाड़ियों में लगाया जा सकता है?
तिरंगा किसी भी गाड़ी में नहीं लगाया जाना चाहिए. कुछ विशिष्ट लोगों के वाहनों को छोड़कर किसी भी गाड़ी में तिरंगा नहीं लगाया जा सकता है. सिर्फ राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, राज्यपाल, उपराज्यपाल, राज्यमंत्री, लोकसभा स्पीकर, राज्यसभा के उपसभापति, भारत के मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश, हाईकोर्ट के जज की गाड़ियों पर तिरंगा लगाया जा सकता है.