पार्टी छोड़ने के लिए किया गया मजबूर-आजाद
नई दिल्ली । कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद पार्टी व राहुल के भविष्य पर चिंता जाहिर करते हुए गुलाम नबी आजाद के कहा कि, घर वालों नें घर छोड़ने के लिए मजबूर किया, वहीं पार्टी के लिए मैं बस दुआ ही कर सकता हूं लेकिन मेरी दुआ से कुछ ठीक होने वाला नहीं है। पार्टी के लिए दवा चाहिए और उसके लिए जो डॉक्टर है वह कंपाउंडर है। जबकि सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर चाहिए।
गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को शुक्रवार को 5 पन्नों का त्यागपत्र भेजा और पार्टी छोड़ दी। अपने पत्र में उन्होंने राहुल गांधी व पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए। पार्टी से इस्तीफा देने के बाद गुलाम नबी आजाद ने पार्टी छोड़े जाने पर कहा कि, घर वालों ने ही घर छोड़ने को मजबूर कर दिया। जब घरवालों को लगे ये आदमी नहीं चाहिए और आदमी को लगे कि हमको पराया समझने लगे हैं तो व्यक्ति घर छोड़ कर चला जाता है।
हालांकि भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप लगाए जाने पर गुलाम नबी आजाद नें कहा, नरेंद्र मोदी या बीजेपी से वो मिले हैं जो मोदी जी का सपना पूरा कर रहे हैं, मोदी जी ने कहा था ‘कांग्रेस मुक्त भारत’, जिन लोगों नें कांग्रेस मुक्त भारत बनाने में उनकी सहायता की, वो मोदी जी से मिले हुए हैं। लोकसभा में स्पीच देने के बाद, जो लोग उनसे गले मिलते हैं वो मिले है, मैं नहीं।
हाल ही में कांग्रेस नेता जयराम रमेश के मोदी-फाइड और डीएनए वाले बयान पर आजाद ने कहा कि, उनका क्या डीएनए है? किसी को नहीं मालूम, किस स्टेट से हैं? किसी को नहीं मालूम, किस डिस्ट्रिक्ट से हैं? यह नहीं मालूम। पहले वो अपना डीएनए चेक कराएं। वह तो कुछ साल पहले फ्रीलांसर थे? वह किस सरकार में काम कर रहे थे? किस-किस पार्टी में उनका क्या डीएनए रहा? जो हाउस में बैठ कर बीजेपी को स्लिप भेजते रहे।
हाउस में बीजेपी और उनके बीच में 100 स्लिपों का आदान-प्रदान होता था, अब वह चेक करेंगे हमारा डीएनए क्या है? सिर्फ चापलूसी करके या ट्वीट करने के लिए पद मिले हैं वो हमारे ऊपर आरोप लगाए तो हमें बहुत दुख होता है।
राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निकले आंसू पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा, नरेंद्र मोदी मेरे लिए नहीं रोये थे, वह एक घटना का जिक्र कर रहे थे। मैं उन्हें क्रूर समझता था लेकिन उन्होंने इंसानियत दिखाई। हम एक दूसरे के लिए नहीं बल्कि हम उस घटना को लेकर रोए थे।
उन्होंने आगे कहा, मोदी तो बहाना है, इनकी आंखों में खटकते हैं। जिस दिन से हमने जी-23 का एक पत्र लिखा था। यह कहते थे कि हमको कोई पत्र लिखना नहीं चाहिए। जब हमने उनकी कार्यप्रणाली को लेकर चुनौती दी, तो उनकी आंखों में खटक रहे थे। उसके बाद कई बैठकें हुईं, हमसे एक सुझाव नहीं लिया गया।
हमने एक बैठक में कहा था, हमें कोई पद नहीं चाहिए, चुनाव को लेकर कैम्पेन कमिटी बनाइए, लेकिन ये कमिटी तब बनाते हैं जब चुनाव खत्म हो जाता है। हम जी-23 वाले कैम्पेन खुद करना चाहते थे, हम पार्टी से कोई सुविधा नहीं लेना चाहते थे, हमने मुफ्त काम करने के लिए कहा तो क्या यह कांग्रेस को बनाने के लिए मैंने कहा था या मोदी को बनाने के लिए?
होने वाले कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव और संगठन को लेकर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि, कांग्रेस पार्टी का बैंक लुट गया है, बैंक में कुछ नहीं है। अब जनरल मैनेजर बदलने से क्या? वो खिड़की दरवाजे अलमारियों का मैनेजर होगा। कांग्रेस की भी यही हालत है। कांग्रेस में कुछ नहीं है, सब दूसरी पार्टी में भाग गए, यह हमसे कहते हैं कि पार्टी के बड़े जा रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुष्मिता देव, आर.पी.एन. सिंह .. राहुल गांधी गुजरात से नए लड़के लेकर आए, वो भी चले गए। क्यों भाग गए? यह सब तो राहुल की टीम थे।
नई पार्टी बनाने को लेकर उन्होंने कहा, हमें पूरे देश से संदेश आते हैं कि राष्ट्रीय पार्टी बनाओ, मैंने उसपर अभी कोई ध्यान नहीं दिया है। लेकिन मांग है कि पार्टी बनाई जाए और यह वह लोग बोल रहे हैं जो भाजपा, रिजनल पार्टी में नहीं जाना चाहते। हमने कांग्रेस पार्टी छोड़ी है लेकिन विचाधारा नहीं छोड़ी है। कांग्रेस पार्टी हर दिन सिकुड़ती जा रही है। कांग्रेस से लोग इतना फस्र्टटेड हैं कि छोटे विकल्प में भी जाना चाहते हैं।
राष्ट्रीय पार्टी बनाने में अभी वक्त है उसके लिए बहुत चीजों की जरूरत होती है। जम्मू-कश्मीर का हम तुरंत दौरा शुरू करेंगे।