मतभेदों को किनारे रखकर लड़ना होगा 2024 का चुनाव-शरद पवार
2024 के चुनाव को लेकर अब राजनीतिक दल अपनी अपनी तैयारियों में जुट चुके हैं। नित्य नए-नए समीकरण भी सामने आ रहे हैं। हर राजनीतिक दल और उसके नेता अपने-अपने समीकरणों को धार देने की कोशिश में हैं। इन सब के बीच देश के वरिष्ठतम नेताओं में से एक और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने एक बार फिर से विपक्षी एकजुटता की वकालत की है। इतना ही नहीं, उन्होंने साफ तौर पर विपक्षी दलों से इस बात की अपील की है कि मतभेदों को किनारे रखकर 2024 का चुनाव उन्हें लड़ना चाहिए। शरद पवार का यह बयान ऐसे समय में आया है जब तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव बिहार दौरे पर हैं और नीतीश कुमार से उनकी मुलाकात हुई है। आपको बता दें कि जदयू की ओर से लगातार नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताया जा रहा है। तो वहीं के चंद्रशेखर राव भी एक नया समीकरण बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।पवार ने कहा कि भाजपा से मुकाबले के लिए राकांपा विपक्षी गठबंधन के एक हिस्से के रूप में साझा न्यूनतम कार्यक्रम के तहत चुनाव लड़ने को तैयार है। उन्होंने विपक्षी दलों से कहा कि वे अपने मतभेदों को किनारे रखकर 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ एकजुट हों। पवार ने इससे पहले कहा था कि गैर-भाजपा दलों को राष्ट्रीय स्तर पर एक मंच पर लाने और एक जनमत तैयार करने के प्रयास जारी हैं। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि उम्र के कारण वह किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी लेने को इच्छुक नहीं हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृतव वाली केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उसने 2014 में ‘‘अच्छे दिन’’ लाने सहित जो अन्य चुनावी वादे किए थे, उन्हें पूरा नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का एजेंडा छोटे दलों को सत्ता से दूर रखने का है।
बीजेपी सरकार को करना है देश से बाहर
बिहार की राजधानी पटना से के चंद्रशेखर राव ने मोदी सरकार के खिलाफ हुंकार भरी है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि किसी भी हाल में मोदी सरकार को देश से बाहर करना है। उन्होंने कहा कि नीतीश जी के साथ बातचीत हुई और एक बात पर सहमति बनी कि किसी भी प्रकार से बीजेपी की सरकार को देश से बाहर करना है। 8 साल से नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री बने हुए हैं लेकिन हर सेक्टर में देश का विनाश हो रहा है, देश के सभी लोग परेशान हैं। चंद्रशेखर राव ने अपना हमला जारी रखते हुए कहा कि केंद्र सरकार के नाकामियों की वजह से देश का काफी नुकसान हुआ है और जो राज्य अपने जगह पर खड़े होकर अच्छा काम कर रहे हैं उन्हें करने नहीं दिया जा रहा है क्या इसका जवाब केंद्र सरकार के पास है? मोदी जी का खुद का वादा था कि 2022 तक हर गरीब का अपना मकान होगा..क्या ये सफल हुआ?