Bangladesh: श्रीलंका की तरह बांग्लादेश में आर्थिक संकट के बीच सरकार परेशान
Bangladesh: अगर हम जीडीपी को देखें, तो बांग्लादेश (Bangladesh) के आंकड़े अच्छे नजर आते हैं. भारत समेत कई सारे देशों की जीडीपी(GDP) कोरोना महामारी के दौरान साल 2020 में गिरी. लेकिन बांग्लादेश में इस दौरान ग्रोथ देखी गई है. पड़ोसी देश की जीडीपी 2020 में 3.4 फीसदी, 2021 में 6.9 फीसदी की दर से बढ़ी है. इसके 2022 में 7.2 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है. हालांकि, बांग्लादेश की मुश्किल कुछ और है.
पिछले महीने, बांग्लादेश ने मदद मांगते हुए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से संपर्क किया था. IMF की प्रेस रिलीज के मुताबिक, बांग्लादेश को 4.5 अरब डॉलर (यानी करीब 37,000 करोड़ रुपये) की आर्थिक सहायता मिलेगी. बांग्लादेश ने साल 2020 में भारत को प्रति व्यक्ति आय के मामले में पीछे छोड़ दिया था. पिछले कुछ दशकों में ज्यादातर समय बांग्लादेश की आर्थिक ग्रोथ मजबूत रही है. खास तौर पर, 2017 से यह अच्छी रही है. तो, ऐसे में यह बड़ी बात है. अब सवाल उठता है कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को क्या हुआ है. इसे डिटेल में जान लेते हैं.
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आईएमएफ का कहना है कि महामारी से बांग्लादेश की मजबूत आर्थिक रिकवरी में रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine) का युद्ध रूकावट लेकर आई. इससे करंट अकाउंट डेफेसिट में तेज इजाफा हुआ. इसके साथ फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व तेजी से घटा, महंगाई बढ़ी और ग्रोथ धीमी पड़ गई. बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था के साथ मुख्य तौर पर ये चार बड़ी मुश्किलें आईं हैं:
- पहला, बांग्लादेश में महंगाई काबू से बाहर चली गई है. पड़ोसी देश में महंगाई की दर नवंबर में 8.85 फीसदी रही है. नवंबर 2021 में यह 5.98 फीसदी थी. नवंबर में खत्म होने वाले 12 महीनों की अवधि में, महंगाई 7.48 फीसदी की दर पर बढ़ी है. यह नवंबर 2021 में खत्म होने वाले 12 महीनों के 5.48 फीसदी से कहीं ज्यादा है.
- दूसरा, बांग्लादेश का चालू खाते का घाटा बहुत बढ़ गया है. यह देश में निर्यात के जरिए होने वाली कमाई और आयात के जरिए बाहर जाने वाले पैसे के बीच का अंतर होता है. बांग्लादेश मुख्य तौर पर, अपनी निर्यात से होने वाली कमाई पर बड़े स्तर पर निर्भर है. लेकिन पश्चिमी देशों में सुस्ती आती देखी गई है और उनके ग्राहक उनकी डिमांड को टाल रहे हैं. और बांग्लादेश को इसका नुकसान हो रहा है.
- तीसरा, बांग्लादेश की करेंसी टका अमेरिकी डॉलर (U.S. Dollar) में तेजी और बिगड़ते करंट अकाउंट डेफेसिट की वजह से दबाव में रही है. इससे सभी आयात महंगे हो गए हैं. दिसंबर 2021 में, एक अमेरिकी डॉलर को खरीदने के लिए 86 टका लगते थे. आज की तारीख में, यह बढ़कर 105 टका पर पहुंच गया है.
- बाहरी मोर्चे पर भी, कमजोरी है. बांग्लादेश के फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व में गिरावट देखी जा रही है. पिछले दिसंबर में, फॉरेक्स रिजर्व की वैल्यू 46,154 मिलियन डॉलर पर रही थी. मौजूदा समय में, यह 33,790 मिलियन डॉलर पर पहुंच गई है.