कानपुर मामले में अब योगी सरकार ने दिखाई सख्ती
Kanpur: कानपुर देहात में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने गई टीम की मौजूदगी में एक मां-बेटी की जलकर मौते के मामले में अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सख्त कार्रवाई की है। कानपुर देहात के मड़ौली गांव में हुए इस मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। पीड़ित परिवार ने अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं जिसके बाद योगी सरकार ने एक्शन लिया है।
इस मामले में जेसीबी ड्राइवर को गिरफ्तार किया गया है। शुरुआत में सामने आया है कि एसडीएमल ज्ञानेश्वर प्रसाद और लेखपाल अशोक सिंह को भी निलंबित किया गया है। इलाके के थाना प्रभारी को भी हटाया गया है। वहीं पुलिस ने इस मामले में कुल 38 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। इस मामले में कुल 6 धाराओं 302, 307, 436, 429, 323, 34 में एफआईआर दर्ज की गई है।
बता दें कि मां-बेटी के जिंदा जलने के मामले में स्थानीय लोगों ने प्रशासन और अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने आई टीम के खिलाफ जमकर नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन किया था। इस घटना के बाद से ही इलाके में गम का माहौल होने के साथ ही तनाव बना हुआ है। इस मामले में पुलिस ने मां और बेटी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इससे पहले पीड़ित परिवार मां-बेटी के अंतिम संस्कार के लिए राजी नहीं था। परिवार की मांग थी कि जब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा तब तक अंतिम संस्कार नहीं होगा। मगर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के बाद परिवार अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गया।
ये है मामला
जानकारी के मुताबिक घटना कानपुर देहात के रूरा थाना इलाके के मड़ौली गांव की है जहां अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए गई टीम से परिजनों की कहासुनी हुई। टीम में तहसील प्रशासन की कृष्ण गोपाल दीक्षित समेत उनकी टीम के अन्य सदस्य शामिल थे। जानकारी के मुताबिक अतिक्रमण हटाने गई टीम ने उस समय झोंपड़ी पर बुलडोजर चलवा दिया जब झोंपड़ी में मां और बेटी दोनों मौजूद थे। बुल्डोजर चलने से वहां अचानक आग भड़क उठी जिसमें मां और बेटी की झुलसकर मौत हो गई। मृतकों में कृष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला दीक्षित और उनकी 23 साल की बेटी नेहा दीक्षित शामिल है। दोनों की जिंदा जलकर मौत हुई है जिसके बाद से इलाके में काफी हंगामा हो रहा है।