भारत और रूस से संबंध बढ़ाने को लेकर चीन आतुर

Beijing: चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने मंगलवार को कहा कि बीजिंग मॉस्को और नई दिल्ली के साथ संबंध बढ़ाने के लिए तैयार है.मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार रूस की नई विदेश नीति पर माओ ने कहा कि चीन, रूस और भारत सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय बदलाव का सामना कर रहे हैं.

वहीं भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता वांग जिआओजियान ने ट्वीट किया कि, रूस, भारत समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ संयुक्त रूप से वैश्विक स्तर जो भी चुनौतियों सामने हैं, उनका जवाब देकर दुनिया को एक पॉजिटिव मैसेज भेजें. उन्होंने आगे कहा कि चीन और रूस एक नए प्रकार के संबंध को विकसित कर कर रहे हैं, जिसमें आपसी सम्मान, शांति और सहयोग शामिल है. वांग ने लिखा कि द्विपक्षीय संबंध किसी तीसरे पक्ष को लक्ष्य बनाने के लिए नहीं हैं और ना ही उससे किसी और के साथ संबंध प्रभावित होते हैं.

दरअसल पिछले महीने, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूस की एक सफल दौरा किया था. इस दौरान दोनों राष्ट्राध्यक्षों पुतिन और जिनपिंग ने चीन-रूस संबंधों के भविष्य का एक खाका तैयार किया. वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पिछले शुक्रवार को नई विदेश नीति के मसौदे पर हस्ताक्षर किए, जिसमें कहा गया कि चीन और भारत के साथ संबंधों को मजबूत करना और गहरा करना रूस के लिए एक कूटनीतिक प्राथमिकता है. बता दें कि शीत युद्ध के दौरान से ही भारत और रूस ने करीबी रणनीतिक, सैन्य, आर्थिक और कूटनीतिक संबंध बना हुआ है.

भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी

भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी पांच मुख्य स्तंभों पर टिकी है, जिसमें राजनीति, रक्षा, असैन्य परमाणु ऊर्जा, आतंकवाद-रोधी सहयोग और अंतरिक्ष शामिल है. हाल ही में भारत और रूस ने अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाई है. नई विदेश नीति के अनुसार रूस सभी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने और विस्तार करने की नजरिए से भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी का जारी रखेगा. इसके साथ ही द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने, निवेश और तकनीकी संबंधों को मजबूत करने पर विशेष जोर देगा.

रूस की कोशिश रहेगी कि जिन देशों से अच्छे संबंध नहीं हैं, भारत के साथ मिलकर उनकी विध्वंसक कार्रवाइयों का विरोध भी करता रहे. नई विदेश नीति में पुतिन ने भारत की सदस्यता वाले तीन संगठनों, ब्रिक्स, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और आरआइसी (रूस-भारत-चीन) को भी मजबूत करने का जिक्र किया है. रूस ने कहा है कि वह इनको मजबूत करेगा ताकि दुनिया में किसी एक के पास ताकत न हो, बल्कि कई सारी शक्तियां हों.

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