अब कोई भी सीमा पर आंख उठाकर देख नहीं सकता…. अमित शाह का चीन को जवाब

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार (10 अप्रैल) को अरुणाचल प्रदेश के किबिथू (Kibithoo) में ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ और विभिन्न विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया. इस मौके पर उन्होंने चीन (China) को दो टूक कहा कि अब कोई भी सीमा पर आंख उठाकर देख नहीं सकता. सूई की नोक बराबर भूमि पर भी कोई अतिक्रमण नहीं कर सकता. वो जमाने चल गए जब भारत की भूमि पर कोई अतिक्रमण कर सकता था.

अमित शाह ने कहा कि आज आते-आते मैंने सैंकड़ो झरनों को देखा. मैंने यहां उतरते ही पेमा खांडू को कहा कि एक घर ले लीजिए और जब मैं वृद्ध हो जाऊं तो यहां रहने आऊं. भगवान परशुराम ने अरुणाचल को नाम दिया था. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हर बच्चा अरुणाचल को सूर्यदेव की पहली किरण की धरती के नाम से जानता है. अरुणाचल भारत माता के मुकुट का एक दैवितमान मणि है.

उन्होंने कहा कि पहले जब मध्य भारत से कोई आता था तो कहता था कि वो भारत के अंतिम गांव से होकर आया, लेकिन अब मैं जाकर अपनी पोती को बताऊंगा कि मैं भारत के पहले गांव से होकर आया हूं. ये कॉन्सेप्चयूअल चेंज हैं. दिल्ली में बैठे हुए नेताओं के आलस्य और गलत दृष्टिकोण की वजह से ये क्षेत्र विवादित और उग्रवाद से ग्रस्त था. आज विवाद और उग्रवाद खत्म हो रहे हैं.

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पूरा देश आज अपने घरों में चैन की नींद सो सकता है क्योंकि हमारे आईटीबीपी के जवान और सेना हमारी सीमाओं पर दिन-रात काम कर रहे हैं. आज हम बड़े गर्व से कह सकते हैं कि किसी में इतनी ताकत नहीं है कि हम पर बुरी नजर डाल सके. अभी हेलीकॉप्टर चला गया, सभी लोग देख रहे थे कि अमित शाह अब कैसे जाएंगे. मैं कहीं नहीं जा रहा हूं. आज आपके गांव में रुककर भोजन करके कल दोपहर में जाऊंगा.

कांग्रेस पर साधा निशाना

कांग्रेस पर हमला करते हुए अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस की 12 टर्म की सरकार ने जो सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर नहीं किया, उससे ज्यादा मोदी सरकार ने 2 टर्म के अंदर ही करके दिखाया है. 2014 से पहले पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र को अशांत क्षेत्र के रूप में जाना जाता था लेकिन पिछले 9 वर्षों में पीएम मोदी की ‘पूर्व की ओर देखो’ नीति के कारण पूर्वोत्तर को अब एक ऐसा क्षेत्र माना जाता है जो देश के विकास में योगदान देता है.

चीन ने जताई थी आपत्ति

इससे पहले चीन ने अमित शाह के अरुणाचल के दौरे को लेकर आपत्ति जताई थी. चीनी विदेश मंत्री के प्रवक्ता ने कहा था कि इस यात्रा ने चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन किया है और वे इसका विरोध करते हैं. अमित शाह ने जिस किबिथू गांव में ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ की शुरुआत की है वो चीन की सीमा से एक किलोमीटर दूर है.

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